प्रदेश के स्कूलों को पछाड़ पाया स्थान

मेरठ का रजपुरा स्कूल बना माह का सर्वश्रेठ स्कूल

>Meerut। दिल में कुछ करने का हौसला और जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकती.तमाम रुकावटें और कठिनाइयों को पार कर मेरठ के रजपुरा ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपनी सफलता की इबारत खुद ही बयां कर रहा है। बजट और अन्य सुविधाओं का रोना रोने वाले प्रदेशभर के तमाम स्कूलों को आईना दिखाने वाला यह स्कूल माह का सर्वश्रेष्ठ स्कूल चुना गया है।

बदली तस्वीर

2013 में प्रधानाचार्या पद पर आई पुष्पा यादव ने स्कूल की बदहाल तस्वीर को बदला और स्कूल को इस लायक बनाया कि आज यह स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी मात देता है। बकौल पुष्पा पांच साल पहले स्कूल के अंदर जानवर बंधे रहते थे। बाउंड्रीवॉल नहीं थी। असामाजिक तत्व यहां अराजकता फैलाते थे। तब सिर्फ 40 बच्चे पढ़ते थे लेकिन आज यहां 160 बच्चे पढ़ते हैं।

यह है सुविधाएं

पुष्पा बताती हैं कि शुरु-शुरु में स्कूल के विकास में किसी ने सहयोग नहीं किया लेकिन उन्होंने प्रयास नहीं छोड़े और खुद ही कई बदलाव किए । बाद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों की सहायता से स्कूल में बच्चों के लिए पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध करवाया। बाउंड्रीवाल बनवाई , टाइल्स बिछवाएं और पेंटिंग्स भी करवाई। लाइब्रेरी व स्मार्ट क्लासेज शुरु की। दिव्यांग बच्चों के लिए व्हील चेयर की विशेष व्यवस्था शुरु की। छुट्टियों में समर कैंप का आयोजन भी किया जाता है। है। हेल्थ कैंप का आयोजन भी किया जाता है। खेल, बच्चों को रोजगार परक शिक्षा/प्रशिक्षण, लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई, आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

माह का सर्वश्रेष्ठ स्कूल

पुष्पा यादव के प्रयासों से न केवल स्कूल सुधरा बल्कि बच्चों को संजीवनी भी मिली। अब स्थिति यह है कि आस-पास के प्राइवेट स्कूलों को छोड़ बच्चे यहां एडमिशन ले रहे हैं। यही नहीं, मेरठ का यह माह का सर्वश्रेष्ठ स्कूल भी घोषित किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद की योजना के तहत इसका डिस्पले वेबसाइट पर भी किया गया है। हालांकि 2017 में यूपी सरकार समेत जिला प्रशासन, समाज कल्याण ट्रस्ट की ओर से पुष्पा यादव को कई अवार्ड मिल चुके हैं। इसके अलावा कई अन्य अवार्ड स्कूल को भी दिए गए हैं।