Meerut ,दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसि¨लग चल रही है। पहले चरण की काउंसि¨लग हो चुकी है। अब दूसरे चरण की काउंसि¨लग शुरू है। इस बार लखनऊ विवि की ओर से बीएड की आनलाइन काउंसि¨लग कराई जा रही है। पहले चरण में एक से 50 हजार तक की रैंक के अभ्यर्थियों की आनलाइन काउंसि¨लग के बाद सीट आवंटित हो गई है। इसकी फीस जमा करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर है। 28 नवंबर से 50001 से एक लाख 40 हजार तक की रैंक के अभ्यर्थी कालेज चुनेंगे। 29 नवंबर को उनको सीट आवंटित की जाएंगी। 12 दिसंबर तक चारों चरण की काउंसि¨लग से अगर सीट रिक्त रहती है तो फिर पूल काउंसि¨लग और उसके बाद सीधे प्रवेश की सुविधा मिलेगी।

समिति हटा चुकी है विषय की बाध्यता

चौधरी चरण सिंह विवि से जुड़े बीएड कालेजों में सबसे अधिक कला वर्ग के छात्र प्रवेश लेते हैं। उसके बाद विज्ञान और वाणिज्य के छात्र प्रवेश लेते हैं। इसकी वजह से विज्ञान की सीटें खाली रह जाती थीं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2018 में बीएड राज्य प्रवेश परीक्षा समिति ने बीएड में विषय की बाध्यता को खत्म कर दिया था। इसके बाद से कालेज विज्ञान या कला किसी भी विषय में सीट रिक्त रहने पर उन सीटों को मर्ज कर अभ्यर्थियों का प्रवेश लेते थे। इसकी वजह से कालेजों के सामने सीट भरने की ¨चता खत्म हो चुकी है। चौधरी चरण सिंह विवि के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर पीके मिश्रा का कहना है कि एनसीटीई रेगुलेशन 2014 में बीएड में कला, वाणिज्य या विज्ञान की बाध्यता नहीं है। बीएड अब एक यूनिट है। जिसमें कला, विज्ञान का भेद नहीं है।

आगे तीन तरह के होंगे बीएड

अभी शासन की ओर से चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित की गई है। इसमें चौधरी चरण सिंह विवि के प्रो। पीके मिश्रा हैं। नई शिक्षा नीति के बाद बीएड तीन तरह का हो जाएगा। 12वीं के बाद जो बीएड करना चाहेंगे, उनके लिए चार वर्षीय बीएड होगा। तीन साल के स्नातक के बाद दो वर्षीय बीएड होगा। चार वर्षीय स्नातक के बाद अगर कोई बीएड करना चाहता है, तो उसके लिए एक वर्षीय बीएड करने का भी विकल्प होगा।