मेरठ और लखनऊ में बंटे 75 जिले, पूरे यूपी से लिए जा रहे सैंपल

तीन दिन चलेगा सर्वे, कोरोना को लेकर मिल सकेंगे कई जवाब

Meerut। कोरोना वायरस का लोगों पर क्या असर पड़ रहा है। कितने लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हुई। कितने लोग ऐसे रहे, जिन्हें कोरोना हुआ लेकिन पता नहीं चला। ऐसे ही तमाम सवालों का पता लगाने के लिए आज से सीरो सर्वे का दूसरा फेज शुरू होने जा रहा है। तीन दिन तक टीमें अलग-अलग जगह से सैंपल लेंगी।

प्रदेश भर के जिले शामिल

सीरो सर्वे के लिए इस बार प्रदेश भर के 75 जिलों को शामिल किया गया है। वहीं प्रदेश की 2 माइक्रोबायोलॉजी लैब सैंपल की जांच कर रही है जिसमें लखनऊ की केजीएमयू और मेरठ में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की माइक्त्रोबायोलॉजी लैब शामिल है। इसके तहत दोनों लैब्स के लिए जिलों को बांट दिया गया है। मेरठ में करीब 30-35 जिलों की जांच की जा रही है।

हो रही विस्तार से जांच

मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब के एचओडी डॉ अमित गर्ग बताते हैं कि इस बार होने वाला सीरो सर्वे काफी बड़े लेवल पर हो रहा है। इस बार प्रदेश के सभी जिले में शामिल हैं। वहीं, सर्वे को डिजाइन भी बेहद बारीकी से किया गया है यह सर्वे दो तरीके से किया जा रहा है, सीरो प्रिविलनेस और सीरो कन्वर्जन।

क्या है फायदा

डॉ अमित बताते हैं कि सीरो कन्वर्जन के तहत देखा जा रहा है कि जिन-जिन लोगों में कोरोना संक्रमण हुआ था, उनमें एंटीबॉडीज बनी हैं या नहीं। इसके लिए मई 2020 से अप्रैल 2021 तक संक्रमित हुए लोगों को शामिल किया जा रहा है। इनमें भी मई से अगस्त, सितंबर से दिसंबर और जनवरी से अप्रैल के बीच संक्त्रमित हुए लोगों को बांटा गया है।

उम्र के हिसाब से होगी सैंपलिंग

सीरो कन्वर्जन के तहत सर्वे के लिए उम्र के हिसाब से सैंपलिंग की जा जा रही है। इसके तहत बच्चों के 8-8 सैंपल और बड़ों के 24 सैंपल हर जोन से लिए जाएंगे। जिले को कई जोन में बांट दिया गया है। इसमें सिमटोमैटिक और असिम्प्टोमैटिक लोगों के भी अलग-अलग सैंपल लिए जाएंगे।

11 जून तक सर्वे का दूसरा फेज चलेगा। इस बार काफी विस्तार से सैंपलिंग की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों को इसमें कवर किया गया है। मेरठ और लखनऊ की लैब में सैंपल्स की स्टडी हो रही है।

डॉ। अमित गर्ग, माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ