मेरठ ब्यूरो। वैसे तो स्वच्छता सर्वेक्षण में कैंट की स्थिति हर बार अच्छी रहती है। रैंक भी अच्छी मिलती है। सुविधाओं के दावे भी खूब होते हैं, लेकिन दूसरी ओर कैंट में बुनियादी सुविधाएं न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालत यह है कि कैंट सीवर लाइन को मुकम्मल करने के लिए कैंट बोर्ड ने कई दावे किए थे। यही नहीं डेटलाइन भी तय कर ली थी। पर समय बीतता गया है न तो सीवर लाइन का काम आगे बढ़ सका और न ही कनेक्शन मिल सके। हालत यह है कि बरसात के दिनों में सीवर का पानी सडक़ों पर आ जा सकता है। इससे कैंटवासियों की जीवन नारकीय हो जाता है।
अधर में रह गई योजना
गौरतलब है कि मेरठ कैंट क्षेत्र के सिविल एरिया में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत तीन वार्डों में सीवर लाइन कनेक्शन देने की योजना थी। यह कार्य पहले चरण में कुछ दिन चला भी, लेकिन बीच में ही अटक गया। वहीं, दूसरे चरण में वार्ड तीन में सीवर लाइन कनेक्शन की प्रक्रिया का काम होना था, जिसमें लालकुर्ती एरिया है जहां कई इलाके इसी वार्ड में है। यहां करीब 16 हजार लोग रहते हैं, जिनके घरों में कनेक्शन नहीं है।

जलभराव से दिक्कत
सीवर लाइन न होने से कैंट क्षेत्र के लोगों की हर साल समस्याएं बढ़ती जा रही है। बरसात में कैंट के सभी मोहल्ले जलभराव की समस्या जूझते हैं। सीवर ना होने से गंदगी नालियों से होते हुए सीधा बगल में बेगमपुल के पास नाले पर जाती है, यहां भी पनपती गंदगी से आसपास के लोगों को बीमारी का शिकार होना पड़ता है, यहां तक लोग जलभराव के चलते कई बार घरों से निकलने में भी परेशान हो जाते है।

2018 में हुआ था शुरू काम
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कैंट में सीवर कनेक्शन के प्रोजेक्ट की शुरूआत साल 2018 में हुई थी। पहले चरण में वार्ड चार, पांच और छह के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन बिछाई भी गई। करीब नौ किमी की लाइन बिछी। इसके बाद काम अटक गया। दो चरण का काम कुछ ही दिनों में बंद हो गया।

ओवरफ्लो हो जाती हैं नालियां
कैंट निवासी दिनेश कहते हैं कि बरसात के दिनों में जलभराव हो जाता है। सीवर का पानी सडक़ों पर आ जाता है। इससे यहां निकलना मुश्किल हो जाता है। खासतौर से मैदा मोहल्ला, जामुन मोहल्ला और बकरी मोहल्ला में तो नालियां तक जाम हो जाती हैं। इस कारण घरों में भी पानी घुस जाता है। आसपास की नालियों से बड़े नालों में गंदगी जमने से पानी भर जाता है। यहां से बदबू आना, मच्छर का पनपने लगते है। इससे संक्रामक बीमारियां बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि ऐसी हालत में तो रिश्तेदार भी आने से कतराने लगते हैं।

रिश्तेदार तक नहीं आते
कैंट निवासी विमला कहती हैं कि यहां बरसात के दिनों हालत और खराब हो जाती है। जलभराव के कारण दिक्कतें होती है। सीवर लाइन न होने से गंदा पानी सडक़ों पर फैला रहता है। इससे संक्रामक बीमारियां फैलती है। हालत ऐसी हो जाती है कि मेहमानों को बुलाना तक मुश्किल हो जाता है। फैमिली के फंक्शन भी घर से बाहर करने पड़ते हैं।