यहां सीवर लाइन ही बनी जलभराव की समस्या

हापुड़ रोड से जुडे़ मदीना कॉलोनी, लोहियानगर, हापुड़ रोड पर जलभराव से आफत

Meerut। बरसात का सीजन शुरु होते ही हर साल की तरह इस साल भी शहर के लोगों को शहर के कुछ प्रमुख मार्ग या क्षेत्र से गुजरने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ये वो क्षेत्र या मार्ग हैं जो हर साल बरसात में जलभराव के कारण खराब हो जाती है। खराब का मतलब इन सड़कों पर कई कई दिनों तक पानी भरा रहता है और पानी उतर भी जाए तो कीचड़ के कारण वाहन चलाना दूभर हो जाता है। ऐसे में सड़क पर फिसलन के कारण हादसा तक होने का खतरा बढ़ जाता है। यह हाल है शहर के प्रमुख हापुड़ रोड और एल ब्लॉक तिराहे के आसपास के क्षेत्र का। जहां हर साल बरसात में दो दो फुट तक पानी भर जाता है। आसपास के इलाके का लेवल सड़क से नीचा होने के कारण वहां तो गलियों तक में घुटनों तक पानी भर जाता है ऐसे में पैदल चलना तक दूभर रहता है। निगम हर साल यहां अभियान चलाकर नालों की सफाई करता है लेकिन हालात जरा भी नही बदले हैं।

सीवर लाइन ही खोद डाली

दरअसल, हापुड़ रोड के एक तरफ मदीना कॉलोनी और जमना नगर दो ऐसी कालोनी हैं जहां जल निकासी के नाम पर केवल नालियां है। इन इलाकों मे गत वर्ष निगम ने छोटी सीवर लाइन भी गलियों में खोद डाली थी, लेकिन सीवर लाइन अभी तक बाहर मेन रोड की सीवरलाइन से जुड़ी नही है। ऐसे में सीवर लाइन किसी काम की नही है। वहीं जो नालियों इन क्षेत्रो में बनी है वह गंदगी और गोबर से अटी हुई हैं हालांकि निगम ने इस बार इन नालों की काफी सफाई की लेकिन गंदगी की अधिकता के कारण नालियां बरसात में ओवर फ्लो हो जाती हैं और बरसात का पानी पहले गलियों में फिर सड़क पर भरना शुरु हो जाता है। इसी का नतीजा है कि तेज बरसात में हापुड़ रोड की एक साइड पर दो दो फुट तक का पानी भर जाता है।

एकत्र हो रहा पानी

हापुड़ रोड पर जलभराव की समस्या का एक प्रमुख कारण है इस रोड के एक तरफ बनी आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियो में जलनिकासी की व्यवस्था ना होना है। दरअसल हापुड़ रोड से जुडे़ मंजूर नगर के पीछे फत्तलेपुर से लेकर जाकिर कॉलोनी, समर गार्डन आदि में जलनिकासी की व्यवस्था न ही है। यहां बरसात का पानी बहकर हापुड़ रोड पर आ जाता है। इस कारण से हापुड़ रोड पर जरा सी बारिश में पानी में डूब जाती है। रोड के साइड में नालों पर अतिक्रमण के चलते साफ सफाई नही हो पाती है। हालांकि बरसात से पहले निगम ने साइड नालों से अतिक्रमण हटाकर नाले साफ किए थे लेकिन इसके बाद भी राहत नही है।

कोटस-

बरसात का पानी इसलिए यहां भर जाता है क्योंकि फ़त्तेपुर से लेकर जाकिर कॉलोनी तक का पानी बरसात मे बहकर हापुड़ रोड पर आ जाता है यहां से पानी छोटे नाले से धीरे धीरे निकलकर बंबा और कमले नाले में जाता है। बरसात में कमेला नाले पर आधे से अधिक शहर के पानी का लोड रहता है ऐसे में पानी ओवर फ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। हर साल बरसात में पूरा क्षेत्र जलभराव से जूझता है।

- शहजाद

निगम ने इस साल सड़क किनारे नाले साफ भी किए, लेकिन जब तक सीवर लाइन पूरी तरह साफ नही होगी, पानी भरना नही रुकेगा। जगह जगह साइड नालियां बंद पड़ी है पानी बरसात में सड़क पर आ जाता है। सीवर लाइन का पानी भी बडे़ नाले में जाने के बजाए बाहर सड़क पर भरने लगता है।

- जावेद गाजी

शास्त्रीनगर साइड का पानी सीवर लाइन के जरिए कमेला नाला या काली नदी की तरफ जाता है, लेकिन बरसात में शास्त्रीनगर समेत समर गार्डन, जाकिर कॉलोनी तक का पानी हापुड़ रोड पर ओवर फ्लो होकर भर जाता है। सीवर लाइन बरसात में फेल हो जाती है।

- तालीब

वर्जन-

हापुड़ रोड के साइड नालों से लेकर काली नदी और कमेला पुल तक नालों को बरसात से पहले पूरी तरह साफ किया जा चुका है, लेकिन इस क्षेत्र में सीवर लाइन की सफाई का काम अभी पूरा नही हो पाया है। शायद इसी वजह से पानी तुरंत नही निकल पाता है। हालांकि, अब जलभराव नही हो रहा है कुछ देर में ही पानी उतर जाता है।

- अरुण खरखौदिया, जोनल सेनेट्री इंचार्ज