कोरोना के चलते कम हो गया है होली का बाजार इस बार
चाइनीज पिचकारी और रंगों से लोगों ने बनाई दूरी
स्वदेशी रंगों और पिचकारी की डिमांड
Meerut। होली के त्योहार में इस बार कोरोना ने अपना असर दिखा दिया है। भले ही त्योहार को लेकर बाजार में तैयारियां हो चुकी हो, लेकिन बाजारों में रौनक बिल्कुल भी नहीं है। इस बार कोरोना वायरस का असर बाजार में देखने को मिल रहा है। लोग दुकानों से पिचकारी व रंग खरीदने से परहेज कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि यदि होली के दिन भी यही हाल रहा तो काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।
चीनी पिचकारी व रंग गायब
विश्वभर में कोरोना वायरस फैलने के बाद रंगों व पिचकारी पर भी असर पड़ा है। चीन से जो रंग व पिचकारी आयात होती थी, उसमें बहुत कमी आई है। यही वजह है कि इस बार बाजार में चाइनीज पिचकारी व रंग नाममात्र के ही दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर दुकानदारों के पास पिचकारी व रंग का पिछला ही स्टॉक पड़ा है। चीन से कम सामान आने के कारण मेड इन इंडिया पिचकारी व रंगों की भरमार देखने को मिल रही है।
इस बार बच्चों के लिए डोरिमोन, बैनटेन, बटर फ्लाई बच्चों को खूब भा रहे हैं।
ये पिचकारियां 15 रुपये से लेकर 500 रुपए तक में उपलब्ध हैं।
गुलाल, सैंटेड गुलाल भी ग्राहकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहे हैं।
दुकानदारों के अनुसार इस बार ग्राहक पक्के रंग से दूरी बना रहे हैं।
हर्बल गुलाल की ज्यादा डिमांड है। पानी में घोलने वाले रंग कम मंगाए गए हैं। ब्रांडेड गुलाल के पैकेट की कीमत 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है।
स्वदेशी पहली पसंद
दुकानदार सन्नी का कहना है कि कई दिन से सोशल मीडिया पर भी मैसेज आ रहे हैं कि होली पर एक-दूसरे को रंग न लगाएं। चाइनीज रंग व पिचकारी से कोरोना वायरस फैल सकता है। इसके अलावा रंगों को लेकर कई तरह के मैसेज आ रहे हैं। ये मैसेज महज एक अफवाह हैं या सच्चाई इसका तो उन्हें नहीं पता परंतु इसका असर सीधे उनके काम पर पड़ रहा है। वहीं दुकानदार बंटी का कहना है कोरोना के चलते फेसबुक, व्हाट्सएप पर मैसेज चल रहे है कि इस बार रंगों से परहेज करें। बंटी का कहना है कि इस बार चाइना के पुराने स्टॉक को बेचना भी मुश्किल हो रहा है। लोग हर्बल व स्वदेशी रंगों पर अधिक फोकस कर रह हैं। बंटी ने बताया कि इसी के चलते लोग रंगों से भी दूरी बना रहे हैं। यही वजह है कि रंगों के रेट इस बार बेहद कम हैं। फुटकर दुकानदारों पर पिछले साल का स्टाक है, ऐसे में अभी खरीदारी में बहुत तेजी नहीं आई है। दुकानदारों का कहना है कि छोटी होली पर मार्केट में उछाल आने की उम्मीद है। दुकानदार अरुण के अनुसार हर्बल गुलाल की ज्यादा डिमांड है। पानी में घोलने वाले रंग कम मंगाए गए हैं। ब्रांडेड गुलाल के पैकेट की कीमत 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है।
इस बार पुराने ही स्टॉक को ही अधिक बेचा है। कोरोना के चक्कर में हमने अधिक माल नहीं मंगवाया, क्योंकि लोग इस बार खरीदारी भी कम ही कर रहे हैं। ऐसे में रेट भी नहीं बढ़े हैं, उल्टे नुकसान हो रहा है।
बंटी, सदर बांबे बाजार
इस बार तो पूरा त्योहार खराब हो गया है। हमारी बिक्री न के बराबर ही हो रही है। आज छोटी होली के चलते बाजार में उछाल की कुछ उम्मीद है। चाइना का सामान तो लोग खरीदना हीं नही चाहते, उनको स्वदेशी कलर चाहिए।
अरुण, आबूलेन
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
28 मार्च से शुरू होकर पूíणमा तिथि 29 मार्च की मध्य रात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।
होलिका दहन के दिन बनने वाले शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 29 मार्च की सुबह 05 बजकर 16 मिनट तक।
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 11 मिनट से शाम 06 बजकर 35 मिनट तक।
अमृत काल- सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 50 मिनट से 29 मार्च की सुबह 12 बजकर 37 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- शाम 05 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक।
होलिका दहन के दिन भद्राकाल व राहुकाल का समय
राहुकाल- शाम 04 बजकर 51 मिनट से शाम 06 बजकर 24 मिनट तक।
यमगंड- दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक।
गुलिक काल- दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक।
दुर्मुहूर्त- शाम 04 बजकर 45 मिनट से शाम 05 बजकर 34 मिनट तक।
वर्ज्य काल- मध्यरात्रि 01 बजकर 06 मिनट से 29 मार्च की सुबह 02 बजकर 32 मिनट तक।
भद्राकाल- सुबह 06 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक।
अबीर-गुलाल संग मनाई होली
मटौर स्थित श्री मलहु सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज में होली का त्योहार मनाया गया। इस अवसर पर इंटर कॉलेज की स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल और शिक्षिकाओं के साथ होली खेली। प्रिंसिपल नीरा तोमर ने स्टूडेंट्स को होली के त्योहार के बारे में बताते हुए कहा कि पहले होली के रंग टेसू या पलाश के फूलों से बनते थे और उन्हें गुलाल कहा जाता था। वो रंग त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते थे क्योंकि उनमें कोई रसायन नहीं होता था। मगर समय के साथ रंगों की परिभाषा बदलती गई। आज के समय में लोग रंग के नाम पर कठोर रसायन का उपयोग करते हैं। इन खराब रंगों के चलते ही कई लोगों ने होली खेलना छोड़ दिया है। हमें इस पुराने त्यौहार को इसके सच्चे स्वरुप में ही मनाना चाहिए। इस मौके पर रीटा, तानिया, मेघा, वर्षा,साक्षी, खुशी, आदि ने खूब रंग उड़ाए और जमकर मस्ती की इस अवसर पर कॉलेज की समस्त अध्यापिकाएं एवं स्टाफ मौजूद रहा।
वेंक्टेश्वरा में शानदार होली मिलन समारोह का आयोजन
वेंक्टेश्वरा संस्थान में प्यार, सौहार्द एवं खुशियों के सबसे बडे पर्व होली के शुभअवसर पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित स्टाफ एवं स्टूडेंट ने एक-दूसरे के ऊपर फूल बरसाकर एवं गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही युवाओं ने देशभक्ति एवं होली के गीतों पर जमकर नृत्य एवं भांगडा किया। वेंक्टेश्वरा संस्थान के सद्भावना पार्क में आयोजित होली मिलन समारोह का शुभारंभ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ। सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ। राजीव त्यागी, कुलपति प्रो। पीके भारती, निदेशक विम्स बिग्रेडियर डॉ। सतीश अग्रवाल एवं विम्स के वरिष्ठ सलाहकार डॉ। आरएन सिंह ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
'हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है'
इस दौरान डॉ। सुधीर गिरि ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत वर्ष में होली सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। मगर वैश्विक स्वास्थ्य संकट कोरोना में हमारी जिम्मेदारी ओर ज्यादा बढ़ गई है कि हम त्योहार मनाने के साथ ही खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने में मदद करें। इसके बाद संस्थान के स्टूडेंट ने डीजे एवं ढोल की थाप पर मेरी मक्खना मेरी सोनिये, होरिया में उडे रे गुलाल, कहियों रे मंगेतर से, होली खेले रघुवीरा, रंग बरसे भीगे चुनरवाली एवं मोह रंग दे व मेरा रंग दे बसंती चोला आदि होली एवं देशभक्ति के गीतो पर जमकर नृत्य एवं भांगडा किया। इस मौके पर अरुण गोस्वामी, अमित फ्रांसीस, ओम शर्मा, सचिन, अंजलि शर्मा, संजीव राजपूत, अंकुल भारद्धाज, रिंकी शर्मा, रेनू चैहान, कहकशा चैधरी, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे।
दस कुंतल गोबर से सजाई होलिका
सदर दाल मंडी मेरठ कैंट में सभी व्यापारियों ने इस बार चौक पर बिना लकड़ी के प्रयोग के दस कुंतल गोबर का प्रयोग करके होलिका को सजाया। इस मौके पर दालमंडी अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कोरोनाकाल में गोबर की होलिका का स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार होलिका में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया गया। इस अवसर पर संयुक्त व्यापार संघ मंत्री अंकित गुप्ता मनु, सचिन जैन, सुधीर रस्तोगी, अमित अग्रवाल, गौरव बंसल आदि मौजूद रहे।