पड़ोसियों ने घर पर पहुंचने पर किया सौरभ का स्वागत, मां ने घर पर बनाई स्पेशल मिठाई

Meerut। मेरठ के कलीना गांव निवासी शूटर सौरभ चौधरी को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में सौरभ ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं। सौरभ ने साल 2018 में महज सोलह वर्ष की उम्र में एशियाई खेलों में दस मीटर एअर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड जीता था। इसके बाद भी सौरभ का निशाना गोल्ड पर लगा। मेरठ में उन्हें गोल्डन ब्वॉय की संज्ञा दी जाती है।

पैदल जाते थे प्रैक्टिस करने

कभी 12 किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाने वाले सौरभ चौधरी आज देश के सबसे कम उम्र के अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में सौरभ को ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। सौरभ का कहना था उन्हें इस बात का गर्व है उनको ये सम्मान मिला है, आगे भी भारत देश के नाम को रोशन करने में वो अपने हर संभव प्रयास करेंगे।

गांव में जोरदार स्वागत

शनिवार को जब वो अपने गांव सरुरपुर लौटे तो उनका परिवार वालों ने तिलक लगाकर स्वागत किया। हालांकि कोरोना के कारण भीड़भाड़ नहीं हुई। फिर भी कुछ पड़ोसियों ने सौरभ के घर पर पहुंचकर उनको आशीर्वाद दिया।

दिखाया टैलेंट

आईएसएसएफ विश्व कप, व‌र्ल्ड चैंपियनशिप, युवा ओलंपिक और एशियाई खेलों में सौरभ ने दस से ज्यादा स्वर्ण पदक जीतकर इतनी कम आयु में टैलेंट का लोहा मनवा लिया है। गोल्डन ब्वॉय सौरभ चौधरी के निशाने पर अब टोक्यो ओलंपिक है।

ग्रामीणों को नाज

मेरठ के सरुरपुर ब्लॉक के एक छोटे से गांव में कलीना में जन्मे सौरभ चौधरी पर सभी को नाज़ है। पूरा कलीना गांव अपने लाल की कामयाबी से ख़ुशी से झूम रहा है। सौरभ चौधरी की मां ने बताया कि सौरभ को काफी संघर्ष से सफलता मिली है।

मेडल वाला कमरा

सौरभ ने कितने पदक जीते हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सौरभ का एक पूरा कमरा मेडल से भरा हुआ है। घर के लोग इसे मेडल वाला कमरा कहते हैं।