मेरठ (ब्यूरो)। निगम ने दुकानों का सर्वे कराकर नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। ऐसा लगता है कि नगर निगम अब एक्शन के मूड में है लेकिन ऐसा हरगिज नहीं है। दरअसल, सूत्रों की मानें तो निगम एक तरफ तो दुकानों को अपने नाम पर अलॉट कराकर दूसरों को किराए पर देने वाले आवंटियों के खिलाफ हर साल नोटिस भेजने की कार्रवाई करता है। मगर दूसरी तरफ आवंटन रद करने के नाम पर कुछ ले-देकर सालभर के लिए मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

नोटिस तक सीमित कार्रवाई
गौरतलब है कि गत वर्ष जुलाई माह में नगर निगम ने शहर के बाजारों में सर्वे कराकर सिकमी किराएदार रखने वाले लगभग 383 मूल आवंटियों को नोटिस भेजा था। जिनमें दुकानदार को चेतावनी दी गई थी कि वह अपने आवंटन वाले दस्तावेज निगम के सामने प्रस्तुत करें। लेकिन नोटिस का कोई असर सिकमी किरायेदारों पर नहीं हुआ। ऐसे में एक बार फिर इस माह नगर निगम ने 343 के करीब सिकमी किरायेदारों को नोटिस जारी कर दिया है।

कब्जे में दुकानें
गौरतलब है कि शहर में नगर निगम द्वारा बाजार विकसित कर दुकानें किराए पर दी जाती हैं। निगम के मुताबिक घंटाघर पालिका बाजार, भगत सिंह मार्केट, मेट्रो प्लाजा के पास, शारदा रोड, तेजगढ़ी चौराहे के पास आदि जगह पर उसकी तकरीबन 973 दुकानें किराए पर चल रही हैं। मगर पिछले कई साल से यह दुकानें मूल आवंटियों ने किराए पर उठा रखी हैं। यानि इन दुकानों को सिकमी किराएदार संचालित कर रहे हैं।

क्या होता है सिकमी किराएदार
शहर में बाजार को विकसित करने के लिए नगर निगम दुकानों को विकसित करता है। इसके बाद इन दुकानों को आवंटित करता है। इनसे निगम ही किराया वसूल करता है। मगर यही आवंटी खुद दुकानें न चलाकर दूसरों को दुकान किराए पर उठा देते हैं। ऐसे लोगों को सिकमी किराएदार कहते हैं।

हुआ था फैसला
वर्ष 2012 में नगर निगम बोर्ड में एक प्रस्ताव लाया गया था। जिसके तहत यह फैसला लिया गया था कि सिकमी किरायेदारों से निर्धारित फीस, किराया आदि वसूलकर इन्हें वैध किया जाए। इस पर पार्षदों के बीच सहमति भी बन गई थी लेकिन निगम की ओर से इसे फाइनल नहीं किया गया।

फैक्ट्स एक नजर में
973 दुकानें संचालित हो रही हैं निगम की शहर के बाजारों में।
नगर निगम की 973 में से 300 से ज्यादा दुकानें ऐसी हैं जिन्हें किरायेदारों ने अवैध रूप से दूसरों को बेच दिया है।
300 से 500 रुपये किराया वसूल करता है निगम दुकानों के मूल आवंटी से।
2 से 3 हजार रुपये तक किराए मूल आवंटी वसूल करते हैं सिकमी किराएदार से।
383 मूल आवंटियों को दुकानों का सर्वे कराकर नगर निगम ने भेजा गया था गत वर्ष नोटिस।
इस माह 343 के करीब आवंटियों को दोबारा भेज गए नोटिस।

सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ऐसे आवंटनों को निरस्त करते हुए दुकान को सिकमी किरायेदार से खाली कराया जाएगा और दोबारा आंवटन प्रक्रिया कराई जाएगी।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त