- कम होती कीमतों की वजह से गोल्ड के साथ बढ़ रहा चांदी का कारोबार

- हॉलमार्क चांदी भी बढ़ गई है डिमांड में, तेजी से बढ़ रहा है चलन

MEERUT : अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड के साथ ही सिल्वर की चमक भी लोगों को अट्रैक्ट करने के लिए बेताब है। कस्टमर्स ने शुभ मुहूर्त पर परचेजिंग की पूरी तैयारी कर रखी है। तो दूसरी ओर ज्वैलर्स भी कस्टमर्स के मूड को भांपकर लेटेस्ट कलेक्श मंगवा लिए हैं। उनके मुताबिक सिल्वर की फैंसी ज्वैलरी को लोग अक्षय तृतीया पर परचेज करने के लिए बुक करा रहे हैं।

सिल्वर का भी रहेगा क्रेज

आमतौर पर अक्षय तृतीया पर गोल्ड की परचेजिंग का क्रेज ही रहता है। लेकिन इस बार ट्रेंड कुछ बदला हुआ सा नजर आ रहा है। गोल्ड की डिमांड तो पहले से ही है। इसके साथ ही सिल्वर की भारी ज्वैलरी भी शुभ दिन परचेज करने के लिए बुक की जा रही है।

गोल्ड के अकॉर्डिग डिजायंस

चांदी में डिजायंस भी बेशुमार मिले तो परचेजिंग किए बिना कस्टमर्स वापस नहीं जा सकते हैं। इसीलिए ज्वैलर्स ने इस बार खास बांम्बे की खास सिल्वर की फैंसी ज्वैलरी की रेंज मंगा कर रखी है। इसके अलावा मथुरा, दिल्ली, आगरा, कलकतिया और राजस्थानी डिजायंस भी ज्वैलर्स के पास अवेलेबल हैं।

कैसे परखें प्योर सिल्वर

कच्ची चांदी को परखने का सबसे बेहतर जरिया तेजाब होता है, जिसमें डुबोकर रखने से कच्ची चांदी घुल जाती है। जबकि असली चांदी की चमक वैसी ही बरकरार रहती है।

अब हॉलमार्क चांदी का भी चलन

वहीं अब हॉलमार्क चांदी का भी चलन काफी बढ़ गया है। ज्वैलर्स की मानें तो हॉलमार्क चांदी वैसे तो काफी पहले से है, लेकिन पिछले दो तीन सालों से इसका चलन काफी तेजी से बढ़ा है। सर्राफों की मानें तो चांदी के सामान में भी अब पांचों तरह की मार्किंग को देखना काफी जरूरी हो गया है। फिलहाल चांदी की बात करें तो मौजूदा समय में चांदी की कीमत करीब 40,900 रुपए प्रति किलोग्राम है। आने वाले दिनों में रेट और भी गिरने के आसार दिख रहे हैं।

इस बार खास बांम्बे की खास सिल्वर की फैंसी ज्वैलरी की रेंज मंगा कर रखी है। इसके अलावा मथुरा, दिल्ली, आगरा, कलकतिया और राजस्थानी डिजायंस भी च्वैलर्स के पास अवेलेबल हैं। जिन्हें देखकर लोगों को काफी पसंद आएंगे।

- सर्वेश कुमार सर्राफ, ऑनर, त्रिपुंड ज्वैलर्स

अब हॉलमार्क चांदी का भी चलन काफी बढ़ गया है। हॉलमार्क चांदी वैसे तो काफी पहले से है, लेकिन पिछले दो तीन सालों से इसका चलन काफी तेजी से बढ़ा है। चांदी के सामान में भी अब पांचों तरह की मार्किंग को देखना काफी जरूरी हो गया है।

- विमल जैन, ऑनर, विमल जी ज्वैलर्स