मेरठ ( ब्यूरो)। इसके तहत पार्किंग की प्रॉब्लम्स और उसकी समस्याओं के बिंदुओं पर चर्चा की। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर सर्वे के माध्यम से लोगों के विचारों को जाना- समझा। शहरवासियों से व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, गूगल फॉर्म के जरिए सवाल पूछे गए थे। इसमें 250 से ज्यादा शहरवासियों ने अपनी राय रखी।

शहरवासियों ने रखे सुझाव
सर्वे में शहरवासियों ने बताया कि सिटी के अधिकतर मार्केट में जाम की स्थिति बन जाती है। कारण है कि पार्किंग की जगह नहीं है। कई बाजारों में पैदल निकलना भी दुश्वार हो गया है। ऐसे में खाली प्लॉट या छोटे पार्क को पार्किंग स्थल बनाया जाए। इससे प्रॉब्लम्स सॉल्व की जा सकती है।

वाहनों की एंट्री पर लगे रोक
सर्वे में शहरवासियों ने कहा कि अगर शहर के बाजारों में चौपहिया वाहनों की एंट्री रोक दी जाए। तो व्यापक सुधार आ सकता है। जाम और पार्किंग की समस्या से निजात मिल सकती है। मार्केट की छोटी गलियों में फोर व्हीलर के आने से जाम हो जाता है। खैरनगर, सर्राफा बाजार, नील गली, जौहरी बाजार, कागजी बाजार, भगत सिंह मार्केट की यही स्थिति है। यहां पर सुधार की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने रखे सुझाव
अगर शहर के नालों को पाटकर पार्किंग की व्यवस्था की जाए। तो व्यापक सुधार हो सकता है। इस बारे में नगर निगम को कोई योजना बनानी चाहिए।
धर्मेंद्र तोमर
शहर के बीच अवैध बस अड्डे जाम का कारण बनते हैं। पार्किंग की भी कोई खास व्यवस्था नहीं है। सरकारी और निजी अतिक्रमण से शहर में जाम लगता है।
वैशाली श्रीवास्तव

शहर में पार्किंग की व्यवस्था बिना दृढ़ इच्छाशक्ति के नहीं होगी। क्योंकि अवैध पार्किंग के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है। हालत तो यह है कि अधिकारियों के ड्राइवर अवैध पार्किंग में खुद गाड़ी लेकर घूमते हैं।
नीरा तोमर

शहर में अतिक्रमण और अवैध पार्किंग जिम्मेदार अधिकारियों के कारण फलफूल रही है। बेगमपुल, हापुड़ अड्डा आदि पर निगम के अधिकारियों की लापरवाही नजर आती है।
हिमांशु माथुर

शहर में बढ़ते वाहन सडक़ सिकुडऩे का कारण बन रहे हैं। शहर के अंदर पार्किंग की व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। मेरठ में कई सरकारी मैदान और खुले नालों को पाटकर पार्किंग स्थल बनाया जा सकता है।
लोकेश चंद्रा
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मेरठ शहर में नालों को पाटकर पार्किंग स्थल को बनाया जा सकता है, बस इस दिशा में एक पहल करनी होगी।
रामदेव शर्मा

हमारी कानून व्यवस्था ही बहुत लचर है। कोई नियमों का पालन नहीं करता है। ऐसे में अवैध पार्किंग का बोलबाला है।
अभय सिंह
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क्या शहर में पार्किंग न बनाना नगर निगम की लापरवाही है।
हां- 87 फीसदी
नहीं- 10 फीसदी
पता नहीं- 3 फीसदी

क्या शहर में जाम के लिए अतिक्रमण जिम्मेदार है
हां- 85 फीसदी
नहीं- 10 फीसदी
पता नहीं- 5 फीसदी

क्या शहर में अवैध पार्किंग के कारण ही सबसे ज्यादा जाम लगता है
हां- 90 फीसदी
नहीं- 5 फीसदी
पता नहीं- 5 फीसदी

क्या शहर के बाजारों में चौपहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगे
हां- 80 फीसदी
नहीं- 15 फीसदी
पता नहीं- 5 फीसदी
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नोट- सर्वे के तहत ये सवाल फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप से पूछे गए थे।