पूर्व में 31 कर्मचारियों के दर्ज किए जा चुके है बयान

2018 से एमबीबीएस प्रकरण की जांच कर रही है एसआईटी

Meerut । सीसीएसयू में दो साल पहले हुए एमबीबीएस कॉपी घोटाले की जांच के लिए एसआईटी बुधवार को एक बार फिर अचानक सीसीएसयू पहुंच गई थी। टीम ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी के कुछ अधिकारियों के बयान दर्ज किए। टीम अभी भी सीसीएसयू में बनी हुई है।

पहले भी लिए थे बयान

पूर्व में भी एसआईटी ने 31 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे, लेकिन इस बार टीम ने अधिकारियों से बातचीत शुरू की है। गुरुवार को सीसीएसयू के कुछ अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए, उससे पहले उन्हें टीम की ओर से नोटिस दिया गया था। एसआईटी ने अधिकारियों से मूल्यांकन प्रक्रिया और कॉपियों को ले जाने व उनके रखरखाव की प्रक्रिया को भी जाना।

पकड़ा था गिरोह

18 मार्च 2018 को एसटीएफ मेरठ ने सीसीएसयू में एमबीबीएस की कॉपियां बदलने में शामिल गिरोह का पर्दाफाश किया था। एसटीएफ का दावा था कि यह गिरोह परीक्षा के बाद में विद्यार्थियों की फिर से कॉपियां लिखवाकर उत्तर पुस्तिका विभाग में बदल देता था। इस प्रकरण में सीसीएसयू के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे।

कविराज मुख्य आरोपी

एसटीएफ ने पूरे मामले मे कवि राज को मुख्य आरोपी बनाया था। एसटीएफ ने दावा किया था कि कविराज सीसीएसयू के बाहर कॉपियां लिखवाता था और फिर उत्तर पुस्तिका विभाग में इन्हें बदल देता था। एसटीएफ ने इसे गिरफ्तार किया था। उसके बाद हरियाणा से डॉक्टर की बेटी और मुजफ्फरनगर कॉलेज का नाम आने पर एसटीएफ ने इस मामले को एसआईटी को ट्रांसफर कर दिया था।