मेरठ (ब्यूरो)। शोभित विश्वविद्यालय में 19 दिसंबर से आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथन-2023 (एसआईएच-2023) ग्रांड फिनाले सॉफ्टवेयर संस्करण का भव्य समापन किया गया। इस हैकाथन के दौरान शोभित विश्वविद्यालय में 17 टीमों द्वारा ग्रैंड फिनाले का 36 घंटे तक लगातार संचालन किया गया। जिसमें 11 राज्यों से 150 से अधिक छात्रों ने स्टार्टअप संस्कृति और न्वोन्मेशी उपागम विकसित करने के लिए भावी पीढ़ी के विकास का पथ प्रशस्त किया।

प्रधानमंत्री से रूबरू हुए छात्र
इस अवसर पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छात्रों के साथ किए गए संवाद से छात्रों में भारी उत्साह देखने को मिला। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन कहा की नौजवान पीढ़ी, देश के सामने मौजूदा चुनौतियों के सॉल्युशंस देने के लिए दिन-रात एक कर रही है। पहले जो हैकाथन हुए, उनसे मिले सॉल्यूशंस बहुत कारगर रहे हैं। हैकाथन में शामिल कितने ही स्टूडेंटस ने अपने स्टार्ट अप्स भी शुरू किए हैं। ये स्टार्टअप्स, ये सॉल्युशंससरकार और समाज दोनों की ही मदद कर रहे हैं। हैकाथन में शामिल हुई टीमों के हजारों स्टूडेंटस के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा है।

युवाओं के पास बेहतर आइडिया
शुक्रवार को आयोजित ग्रैंड फिनाले के अंत में समापन समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पंजाब सरकार के रिप्रेजेंटेटिव, रोजगार विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रविंद्र पाल सिंह एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि रविंद्र पाल सिंह ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज इंडस्ट्री से ज्यादा युवाओं के पास बेहतर आइडिया हैं। क्योंकि छात्रों के आईडिया बहुत इन्नोवेटिव होते हैं जिसके चलते स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसी प्रतियोगिताएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

युवाओं की सोच महत्वपूर्ण
स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रैंड फिनाले पर नवनियुत आईएएस ऑफिसर श्रुति शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थिति रही। श्रृति शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए इस तरह की प्रतियोगिताओं को ज्यादा से ज्यादा आयोजित करने पर जोर दिया क्योंकि अगर हम प्रॉब्लम सॉल्विंग की दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से हम सफलता प्राप्त कर पाएंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने अपने अध्क्षीय संबोधन में कहा कि इस आयोजन में भारत भर से आई 17 टीमों के लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और नवाचारी सोच से हम सभी को प्रेरित किया। चाहे वह स्वास्थ्य सेवा, सतत् विकास या शिक्षा क्षेत्र में हो, हमारे युवाओं ने दिखाया है कि वे न केवल समस्याओं की पहचान कर सकते हैं, बल्कि उन्हें हल करने के लिए उत्कृष्ट और रचनात्मक समाधान भी प्रस्तुत कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं की नवाचारी सोच और तकनीकी दक्षता भारत को विश्व पटल पर मजबूत स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण हैं।

विजेताओं को मिला नकद पुरस्कार
ग्रैंड फिनाले में निर्णायक मंडली के रिजल्ट के आधार पर तीनों समस्याओं के विजेता घोषित किए गए। निर्णायक मंडली ने सभी टीमों को उनकी प्रेजेंटेशन आफ सॉल्यूशन, इनोवेशन, सॉल्यूशन अप्रोच टेक्निकल साउंडनेस और फीजिबिलिटी, एग्जीक्यूशन टाइमलाइन, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, इंप्रूवमेंट, इंटीग्रेशन, यूएसएबिलिटी, टीमवर्क, फक्शनैलिटी, परफॉर्मेंस, यूजर एक्सपीरियंस एसथेटिक एंड डिज़ाइन ऑफ द फाइनल प्रोडक्ट, मार्केट रीडीनेस एंड इंपैक्ट तथा इंप्लीमेंटेशन प्लान एंड फ्यूचर स्कोप के आधार पर विजेता टीम के नाम घोषित किए। तीनों सर्वश्रेष्ठ टीमों को अतिथियों द्वारा एक-एक लाख का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ। जयानंद एवं कुल सचिव प्रो। डॉ। गणेश भारद्वाज मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक प्रो। विनोद कुमार त्यागी एवं प्रो। तरुण कुमार