कई दिनों से एक थाने में जमे एसओ को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

हस्तिनापुर के एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्म हाउस बनाने के मामले में उठे सवाल

एडीजी ने सभी जोन के थाना प्रभारियों की तैनाती की भी जानकारी मांगी है

Meerut। हस्तिनापुर के एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्म हाउस का मामला सामने आने के बाद जोन के थाना प्रभारियों में हड़कंप मच गया है। एक ही थाने में काफी दिनों में जमे थाना प्रभारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। अब उन्हें भी एक साल में अर्जित की अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा। एडीजी की तरफ से जोन के सभी थाना प्रभारियों की तैनाती का ब्योरा मांगा गया है। माना जा रहा है कि काफी दिनों से थानों की कमान संभालने वाले थाना प्रभारियों को इधर से उधर भी किया जा सकता है।

अंकुश की तैयारी

एडीजी राजीव सभरवाल ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाने की है। इसी के तहत किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी थानेदारों की सूची देखी जा रही है। कप्तानों को भी इस प्रकार के कृत्यों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए है।

फार्म हाउस में फंसे

धर्मेंद्र सिंह के अपने ही थाना क्षेत्र में पत्नी के नाम से फार्म हाउस बनाने में फंस गए है। उसके साथ ही बिजली चोरी के संगीन मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एसओ की इस कार्यप्रणाली को देखते हुए एडीजी ने संज्ञान ले लिया है। सभी कप्तानों ने जोन में तैनात थानेदारों की सूची मांगी गई है। ताकि पता चल सकें कि कौन थानेदार कितने दिन से है। कई थानेदार जोन में ऐसे है, जिन्हें तीन साल से भी ज्यादा समय एक ही थाने में हो गया है। मुजफ्फरनगर कोतवाली में अनिल कपरवान को तीन साल से अधिक का समय बीत गया है। इसी तरह कई थानेदार चिन्हित किए जा रहे है, जो एक ही थाने में काफी समय में जमे हुए है। मेरठ में भी कई थानेदारों के नाम सामने आ रहे है। माना जा रहा है कि ऐसे थानेदारों को जल्द ही इधर से उधर किया जाएगा।

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फार्म हाउस का बैनामा सौंपा

हस्तिनापुर से निलंबित एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्म हाउस पर जांच बैठ गई है। सीओ मवाना को धर्मेंद्र सिंह ने फार्म हाउस के बैनामे और पत्नी की पासबुक की फोटो प्रति देने की बात कही है। बैनामे में जमीन चार लाख बीस हजार की खरीदी गई है। साथ ही बताया कि उनके ससुर ने दो बैंकों से रकम पत्नी के खाते में स्थानांतरण की है। एक बैंक से डेढ़ लाख तथा दूसरे बैंक से ढाई लाख की रकम भेजी गई है। उसी रकम से फार्म हाउस की जमीन खरीदी गई है। फिलहाल सवाल है कि क्या उस जमीन पर फार्म हाउस का निर्माण हो सकता था या नहीं। राजस्व और वन विभाग की टीम इस मामले में जांच कर रही है। वन विभाग की टीम ने बताया है कि जमीन पर कोई पेड पहले से नहीं था, जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी गई थी, वह उस जमीन पर खेती कर रहा था। ऐसे में पूरे फार्म हाउस की जांच कई विभाग कर रहे है। उम्मीद है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट आ जाएगी।

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पूर्व विधायक पर आरोप

ग्राम प्रधानों ने पूर्व विधायक गोपाल काली पर वसूली के आरोप लगा दिए हैं। आरोप लगाया कि गांव में कराए जाने वाले विकास कार्य में पूर्व विधायक आरटीआइ डालने की घमकी देकर कमिशन मांगते हैं।