समाज कल्याण विभाग में सहायता राशि के नाम पर पीडि़तों से मांग रहे रिश्वत
सरूरपुर ब्लॉक में तैनात सहायक कल्याण अधिकारी गैंग बनाकर खुलेआम मांग रहा कमीशन
स्टिंग में सहायक कल्याण अधिकारी और विभागीय बाबू की मिलीभगत
लाभार्थियों की गोपनीय सूची को लीक कर देते हैं विभागीय कर्मचारी
Meerut। शहर के सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण आम आदमी और जरुरतमंद को अपने काम के लिए परेशान होना पड़ता है। छोटे से लेकर बड़ा काम बिना रिश्वत के आगे नही बढ़ता है। बाबू से लेकर आला अधिकारियों की कलम बिना रिश्वत के फाइलों पर नही चलती है। तो ऐसे विभाग हैं जो भ्रष्टाचार के लिए पूरी तरह से बदनाम है। ऐसा ही कुछ हाल है कि समाज कल्याण विभाग का।
खुलेआम मांगी रिश्वत
विभाग में छात्रवृति से लेकर विभिन्न विधवा, वृद्धा समेत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ गरीब और जरुरतमंद लोगों को मिलता है लेकिन इस विभाग में रिश्वत के बिना कोई काम नही होता है। दैनिक जागरण आई नेक्टस की टीम ने समाज कल्याण विभाग में फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया। इसमें ना सिर्फ विभाग का बाबू बल्कि सरूरपुर ब्लॉक में तैनात सहायक कल्याण अधिकारी गैंग बनाकर मजबूर और जरुरतमंद लोगों से उनका काम कराने के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं।
ये है योजना
समाज कल्याण विभाग से एससी एसटी मामलों में सहायता राशि जारी की जाती है।
ऐसे केस जिनमें एफआईआर दर्ज हो चुकी है उनमें पीडि़त पक्ष को सरकार सहायता राशि देती है।
यह पूरी प्रक्रिया पुलिस द्वारा डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने के बाद समाज कल्याण विभाग द्वारा पूरी की जाती है।
अब इस सहायता राशि को देने के नाम पर समाज कल्याण विभाग में रिश्वत मांगी जाती है।
ऐसे चलता है खेल
समाज कल्याण विभाग में तैनात पटल बाबुओं द्वारा लाभार्थियों की गोपनीय सूचना लीक कर दी जाती है।
इसके बाद दूसरे ब्लॉकों में तैनात एडीओ लाभार्थियों को फोन करता है।
फोन के जरिए वह सहायता राशि दिलाने के नाम पर पीडि़त से ही रिश्वत की मांग करता है।
रिश्वत न देने पर सहायता राशि नहीं मिलेगी, कुछ ऐसी बातें कहकर ब्लैकमेल किया जाता है।
यही नहीं सहायता राशि रोकने तक की भी धमकी दी जाती है।
फोन करके बुलाया और मांगे पैसे
दैनिक जागरण आई नेक्टस के रिपोर्टर ने ऐसे ही एक केस में पीडि़त बनकर सरूरपुर ब्लॉक में तैनात सहायक कल्याण अधिकारी की ऑडियो, वीडियो और फोटो रिकार्ड कर ली। एक मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद लाभार्थी को सरूरपुर ब्लॉक में तैनात समाज कल्याण विभाग के एडीएम सुनील कुमार ने डॉक्यूमेंट वैरीफाई करने के नाम पर कचहरी परिसर स्थित सिंडिकेट बैंक के बाहर बुलाया और खुलेआम रिश्वत की मांग की।
'आलाधिकारियों को जाते हैं पैसे'
लाभार्थी बनकर पहुंचे रिपोर्टर ने एडीओ को डॉक्यूमेंट दिए तो एडीओ ने पैसा खाते में जल्दी पहुंचाने के नाम पर 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर जब लाभार्थी ने कहाकि यह सहायता राशि तो सरकार देती है तो रिश्वत कैसी। इस पर एडीएओ ने समाज कल्याण अधिकारी से लेकर आला अधिकारियों तक रिश्वत का हिस्सा पहुंचने की बात कही। यही नहीं रिश्वत न देने पर सहायता राशि रोकने की भी बात कही। रिपोर्टर ने एडीओ की यह सारी बातें फोन में रिकार्ड कर ली।
एडीओ और रिपोर्टर की बातचीत
एडीओ- भईया कितनी देर में आ रहे हो यह बता दो
रिपोर्टर- सर फिलहाल कितने पैसे देने हैं यह बात दो पूरे अभी देने या आधे से काम चल जाएगा।
एडीओ- भईया तुम्हारी पूरी किश्त बाद में जाएगी, अब बताओ मुझे दूसरे को जवाब देना पड़ता है अधिकारी को जवाब देना पड़ता है
रिपोर्टर- फिलहाल एक का ले लो अभी।
एडीओ- अरे भइया 10 ही जाएंगे पूरे अभी
रिपोर्टर- अरे मैं फिलहाल 5 हजार दे दूं अभी।
एडीओ- अरे नही भईया तुम फिलहाल मुझे 8 हजार दे दो। इस चीज को समझो मुझे अधिकारी को भी देना देना होता है।
रिपोर्टर- अरे अधिकारी को तो तुम जानो मैं तो आपको दे रहा हूं
एडीओ- नही भाई अधिकारी को तो मुझे ही देना होता है ना।
रिपोर्टर- ठीक है में थोड़ी देर में आता हूं
एडीओ- ठीक है में कचहरी में सिंडिकेट बैंक के बाहर तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं जल्दी आ जाओ।
कैश न होने का बहाना
इसके बाद रिपोर्टर एडीओ से मिलने गया। हालांकि, कैश न होने का बहाना बनाया। इसके बाद रिपोर्टर ने इस मामले की आलाधिकारियों से शिकायत की।
इस मामले में संबंधित बाबू और एडीओ के खिलाफ जांच रिपोर्ट बना दी गई है। स्पष्टीकरण मांगा गया था उसके जवाब के आधार पर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव और डीएम को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
मुश्ताक अहमद, समाज कल्याण अधिकारी