एक सक्सेसफुल इंजीनियर और मैनेजर बनने के लिए स्पिरिचुअल मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। इसके लिए अब फस्र्ट इयर के बाद इसे सेकेंड इयर में भी शामिल किया गया है। सिटी के तमाम इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कालेजों में ह्यूमन विहेवियर और ह्यूमन वैल्यू के कोर्स के अंतर्गत अध्यात्म को शामिल किया गया है।
स्पिरिचुअल मैनेजमेंट को जगह
जानकार बताते हैं कि यूपीटीयू (उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय) शुरू से ही इस बारे में जागरूक रही है। एमबीए फर्स्ट इयर के के कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट और रिसोर्स मैनेजमेंट को शामिल किया है। वहीं, बीटेक सेकेंड इयर में ह्यूमन वेल्यूज कोर्स के सिलेबस में स्पिरिचुअल मैनेजमेंट को जगह दी गई है।
विकसित होगा नजरिया
शहर के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स में अधिकतर कॉलेज स्पिरिचुअल मैनेजमेंट को किसी ना किसी कोर्स के साथ जोड़कर पढ़ा रहे हैं। अब कंप्टीशन के जमाने में ये कोर्स अपनी अलग अहमियत रखता है। यूपीटीयू मैनेजमेंट कोर्स में अध्यात्म को एक विषय के रूप में अलग से शामिल किया जा रहा है। इससे फ्यूचर इंजीनियर और मैनेजर कार्य क्षेत्र में और व्यावहारिक नजरिया भी विकसित कर सकेंगे।
अध्यात्मिकता से बढ़ रही उत्पादकता
स्पीरिच्युअल मैनेजमेंट को किसी भी इंस्टीट्यूट के हॉयर ऑफिशियल्स और वहां काम करने वाले कर्मियों के बीच कोर्डिनेशन बनाने की थ्योरी है। माना जाता है कि है जहां भी स्पीरिच्युअल मैनेजमेंट होगा वहां की प्रोडक्टीविटी अपने आप बढ़ जाएगी। बीते दिनों देश की कई बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। इन सभी जगहों पर मालिकों और कर्मचारियों में बेहद दूरियां बढ़ गई थी। राधा गोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज के लेक्चरर डॉ। अमित शर्मा का कहना है कि इस कोर्स की रूप रेखा ऐसी है जिसमें बताया गया है कि कैसे एक संस्थान में काम करने वाले लोग एक परिवार की तरह जुड़कर काम कर सकते हैं।
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