14,727 - पहले दिन कुल पंजीकृत परीक्षार्थी

13,458 परीक्षार्थी रहे उपस्थित

1269- परीक्षार्थी अनुपस्थित

933- छात्राएं अनुपस्थित

336- छात्र अनुपस्थित

02- नकलची पकड़े गए

30 केंद्रों पर हुई मेरठ में परीक्षा

कोरोना के डर से शिक्षक नहीं कर रहे चेकिंग, पहले दिन रही अव्यवस्था, शारीरिक दूरी के नियम भी टूटे

Meerut। चौ। चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) से जुड़े डिग्री कॉलेजों की मुख्य परीक्षा मंगलवार से शुरू हो गई। मेरठ और सहारनपुर मंडल में 216 केंद्रों पर परीक्षा हुई। पहले दिन दूसरी और तीसरी पाली में परीक्षा हुई। जिसमें तीसरी पाली में परीक्षार्थियों की संख्या अधिक रही। इससे कुछ केंद्रों पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ। हालांकि परीक्षार्थियों को देखते हुए परीक्षा केंद्र अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करते रहे।

जांच के बाद प्रवेश

पहले दिन पहली पाली यानी सुबह आठ बजे से दस बजे के बीच किसी भी केंद्र पर परीक्षा नहीं रही। दूसरी पाली में सुबह साढ़े ग्यारह बजे से डेढ़ बजे तक एमए ¨हदी, एमए मैथ्स, एमए दर्शन विषय की परीक्षा हुई। तीसरी पाली में ढाई बजे से साढ़े चार बजे के बीच बीए ¨हदी और एमकाम की परीक्षा हुई। मेरठ में 30 केंद्रों पर परीक्षा हुई। दूसरी पाली में सभी केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या कम थी। तीसरी पाली में परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने से परीक्षा केंद्रों को व्यवस्था बनाने में समस्या रही। कॉलेजों ने सभी छात्रों की थर्मल जांच के बाद प्रवेश दिया। छात्र भी मास्क लगाकर व सैनिटाइजर लेकर आए थे। हालांकि कुछ परीक्षार्थी बगैर मास्क के दिखे। विवि की ओर से कोविड को देखते हुए परीक्षा केंद्रों को एक कक्ष में केवल 20 छात्रों को बैठाने के लिए कहा गया था। बावजूद शहर के कुछ बड़े कॉलेजों ने एक हॉल में 50 छात्रों तक को बैठाया।

एक लाख नौ हजार की परीक्षा

पूरे सितंबर में यूजी और पीजी मुख्य परीक्षा में करीब एक लाख नौ हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इसके अलावा चार सितंबर सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होगी। ऐसी स्थिति छात्रों की भीड़ को व्यवस्थित रखने और कोविड से सुरक्षित करने की चुनौती बनी रहेगी।

जानकारी न होने से परीक्षा छूटी

प्रवेश पत्र पर परीक्षा का समय न होने की वजह से बहुत से छात्र-छात्राओं की परीक्षा छूट गई। मेरठ कालेज में तीसरी पाली में एमए की कुछ छात्राएं परीक्षा देने पहुंचीं। जबकि उनकी परीक्षा दूसरी पाली में हो चुकी थी। अन्य कई कॉलेजों में समय की जानकारी नहीं होने की वजह से परीक्षार्थी परीक्षा देने से रह गए।

छात्रों से अधिक शिक्षकों को डर

विवि की परीक्षा में छात्रों से अधिक शिक्षक कोरोना से भयभीत नजर आए। कई कालेजों में छात्रों की चे¨कग करने के लिए शिक्षक भी नहीं रहे। शिक्षक डर की वजह से छात्रों की जांच भी नहीं कर रहे हैं। एडेड कॉलेजों में पहले दिन बहुत से शिक्षक ड्यूटी देने नहीं पहुंचे। देहात के कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी होने की शिकायत रही। इसकी वजह से परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को अपने कक्ष तक पहुंचने के लिए दिक्कत हुई।

शाम की पाली में हुजूम

विवि की ओर से जो परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया। उसकी वजह से अव्यवस्था दिखी। पहली पाली में कोई परीक्षा नहीं थी। दूसरी पाली में बहुत कम छात्र रहे। जबकि तीसरी पाली में कई कॉलेजों में एक हजार से भी अधिक छात्र रहे। परीक्षा के बीच में कम अंतराल मिलने से कॉलेज परीक्षा कक्ष को सैनिटाइज करने में दिक्कत रही। कुछ कॉलेजों ने इसके लिए विवि की व्यवस्था पर सवाल उठाया।

पहले दिन परीक्षा का रिर्हसल

पूर्व में 18 मार्च को विवि की परीक्षा थी। कोविड की वजह से स्थगित हो गई। अब केवल स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराई जा रही है। करीब साढ़े पांच महीने के बाद परीक्षा शुरू होने से कई कॉलेज पहले दिन रिहर्सल किया।

मेरठ और सहारनपुर मंडल में सभी परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण परीक्षा हुई है। एक छात्र व एक छात्रा अनुचित साधन के साथ पकड़े गए। जिन पर यूएफएम के तहत कार्रवाई हुई है। पहली पाली को सेमेस्टर परीक्षा के लिए खाली रखा गया है। केंद्रों को शारीरिक दूरी रखते हुए परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रो। रूपनारायण, परीक्षा नियंत्रक, सीसीएसयू