बीएड में दो या तीन पेपर कराने ही कराने की मांग

20 जुलाई से एग्जाम, स्टूडेंट बोले इतनी जल्दी नहीं हो पा रही तैयारी

पहले एक सितम्बर से होने थे एग्जाम, अचानक से जुलाई में एग्जाम कराने का फैसला

Meerut। बीएड फाइनल ईयर के एग्जाम को लेकर स्टूडेंटस ने राहत देने की मांग की है। हालांकि, अब 20 जुलाई से बीएड फाइनल ईयर के एग्जाम शुरू होंगे। अब स्टूडेंट्स परीक्षा के पेपर कम करने की मांग कर रहे हैं।

राहत देने की मांग

स्टूडेंटस के अनुसार यूनिवर्सिटी ने महज 10 दिनों में छह परीक्षाएं कराने का शेड्यूल जारी किया है। छात्रों के मुताबिक कोविड पीरियड के चलते परिस्थितियां भी ठीक न हो पाने की वजह से उनकी तैयारी नहीं हो पाई है। ऐसे में कैसे वो इतने कम समय में आने वाले छह पेपर की तैयार कर सकेंगे। सोशल मीडिया के जरिए छात्र अब राहत देने की मांग कर रहे हैं।

नहीं हो पाई पढ़ाई

बीएड स्टूडेंट्स के अनुसार पहले उनके एग्जाम सितम्बर में होने थे, लेकिन बीते दिनों शासन ने 10 अगस्त से सारी परीक्षाएं खत्म कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जून के लास्ट में अचानक से तारीख में बदलाव कर दिया गया। अब 20 जुलाई से बीएड फाइनल ईयर के एग्जाम होंगे। छात्रों के मुताबिक बीते दिनों कोविड संक्रमण के घरों में स्थितियां तनावपूर्ण थी। ऐसे में परीक्षा की तारीखों में अचानक हुए बदलाव से छात्र सहज नहीं है। छात्रों के मुताबिक वे सितंबर में परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। लेकिन अब स्थितियां बिल्कुल बदल गई। ऐसे में बिना तैयारी के कैसे एग्जाम दे पाएंगे। यूनिवर्सिटी ने ऐसा करके उनपर मानसिक तनाव उत्पन्न कर दिया है।

हटने चाहिए कुछ पेपर

स्टूडेंट के अनुसार भले ही पेपर डेढ़ घंटे के हो पर उसके लिए तैयारी पूरे कोर्स पढ़कर ही होगी। वहीं छह पेपर दस दिनों में कराने से महज एक दिन का ही समय अगले पेपर के रिविजन के लिए मिला है।

कम मिला है समय

सभी एग्जाम की तैयारी के लिए भी मात्र 25 दिन का ही समय स्टूडेंट को दिया गया है। जबकि एक यूनिट में कम से कम 75 सवाल विस्तृत व लघु उत्तरीय है बाकी अति लघु व सत्य असत्य के करीब 50 एक यूनिट में है हर बुक में पांच यूनिट है इतनी जल्दी कैसे तैयारी हो पाएगी, इसका यूनिवर्सिटी को सोचना होगा, स्टूडेंट ने मांग की है पांच में से दो या तीन पेपर हटाकर केवल दो या तीन पेपर के ही एग्जाम लिए जाए या फिर तैयारी का समय दिया जाए।

अभी बीते कुछ माह तो हर कोई तनाव की स्थिति में था, जिसके चलते तैयारियां हो ही नहीं पाई। अचानक से पेपर जुलाई में कर देने से स्टूडेंट के साथ नइंसाफी है। ऐसे में दो या तीन पेपर कराए जाएं।

अंकित अधाना्र, छात्र नेता

हमने मांग की है कि अगर जुलाई में ही पेपर होने है तो सभी पेपर न कराए जाएं, अगर सभी पेपर कराने है तो पेपर जुलाई में नहीं आगे कराए जाएं। ताकि स्टूडेंट को तैयारी का समय मिल जाए।

पवित्र गुर्जर, छात्र नेता

मैनें तो सिंतबर में पेपर होने की सोचकर तैयारी कर रहा था। पहले प्रैक्टिकल फाइलें बनाने में जुटी थी। लेकिन अब जुलाई में पेपर हो रहे है इससे टेंशन हो रही है। टेंशन में पढ़ाई तक नही हो पा रही है।

अनु, स्टूडेंट

पेपर जल्दी करा रहे हैं। तो सभी पेपर न कराकर सिर्फ दो मेन पेपर करा लेते। उसके आधार पर ही सभी में मा‌र्क्स दिए जाएं।

वैशाली, स्टूडेंट

स्टूडेंट के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एग्जाम कराया जाएगा। इस बारे में ऑलरेडी विचार किया जा रहा है। स्टूडेंट के हित का ख्याल रखते हुए ही परीक्षा कराई जाएगी

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू