सबसे अधिक स्टूडेंट एलएलबी में एडमिशन

सीटों की तुलना में अधिक हो चुके है रजिस्ट्रेशन

Meerut। सीसीएसयू में कानून की पढ़ाई के लिए छात्र काफी रुचि दिखा रहे हैं। स्टूडेंट्स के एडमिशन के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में अदर्स कोर्स में तकरीबन एक लाख सीटें खाली हैं तो वहीं एलएलबी में स्थिति काफी बेहतर है। यहां तीन वर्षीय एलएलबी की 14 हजार सीटों पर 29, 306 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, वहीं पांच वर्षीय बीए एलएलबी में भी पांच हजार एडमिशन हो चुके हैं।

एक सेक्शन में 60 सीटें

सीसीएसयू से संबद्धित मेरठ व सहारनपुर मंडल में तीन वर्षीय एलएलबी के कॉलेजों की संख्या 100 के करीब हैं। इनमें छह एडेड कॉलेज हैं। हर कॉलेज में दो सेक्शन है, एक सेक्शन में 60 सीटें है। इसके अलावा मेरठ कॉलेज एमएमएच कॉलेज गाजियाबाद व दूसरे कुछ कॉलेजों में पांच पांच सेक्शन में पांच पांच सेक्शन भी हैं। इन कॉलेजों में 14 हजार से ज्यादा सीटें तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स कोर्स की है जो की प्रदेश के स्टूडेंट की संख्या में अधिक है, इन सीटों पर 29 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन होना साफ है कि स्टूडेंट को कानून पढ़ने में अधिक रुचि है।

कुल हैं 1560 सीटें

मेरठ में एलएलबी दो एडेड कॉलेजों में है, जिलेवार बात करें तो मेरठ कॉलेज में 300 सीटें है और एनएएस में 180 सीटें हैं। एमएमएच कॉलेज गाजियाबाद में 420 सीटें है, एनआरईसी कॉलेज खुर्जा में 120, डीएवी कॉलेज मुजफ्फरनगर में 320 और जेवी जैन कॉलेज सहारनपुर में 120 सीटें है। इन कॉलेजों में 1560 सीटें है बाकी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में है। पांच वर्षीय बीए एलएलबी व बीकॉम एलएलबी में कैम्पस समेत 50 कॉलेजों में यह कोर्स चल रहा है। बीए एलएलबी व बीकॉम एलएलबी की आठ हजार सीटें हैं, इनमें एडमिशन चल रहे हैं, अबतक पांच हजार एडमिशन हो चुके हैं।

कानून से जुड़े कोर्स में अन्य कोर्स की तुलना में अधिक व जल्दी एडमिशन हो रहे है। कॉलेजों में आसानी से सीटें भरी जा रही है। जबकि बाकी कोर्स में सीटें भर पाना मुश्किल हो रहा है।

प्रो। वाई विमला प्रोवीसी, सीसीएसयू