मेरठ (ब्यूरो)। शहर के प्रमुख पार्कों में शामिल ऐतिहासिक सूरजकुंड पार्क नगर निगम की लापरवाही के चलते बदहाली का दंश झेलने को मजबूर है। पार्क की स्थिति की बात करें तो रोजाना सुबह से लेकर शाम तक रौनक रहने वाले इस पार्क में जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हैैं। एक-एक सप्ताह तक पार्क परिसर में झाडू़ तक नहीं लगाई जाती। गंदगी से डस्टबिन ओवरफ्लो हो चुके हैैं। जहां-जहां पीने के पानी की व्यवस्था है, वहां भी गंदगी और पॉलिथिन के ढेर लगे हैैं। पार्क की इसी बदहाली को कुलदीप शर्मा ने एक ट्वीट के जरिय उजागर करने की कोशिश की है।

गंदगी और अव्यवस्थाएं हावी
सूरजकुंड पार्क में दो समय सफाई की व्यवस्था के बाद भी जगह-जगह फैली गंदगी से पार्क में वॉक के लिए आने वाले लोग परेशान होने लगे हैं। पार्क में लगे डस्टबिन भी रोजाना साफ नहीं होते हैं जिस कारण से डस्टबिन हर समय कूड़े से भरे रहते हैं। इससे अलग नगर निगम की लापरवाही का आलम ये है कि रख-रखाव के अभाव में पार्क के पेड़-पौधे मुरझा रहे हैं। पार्क में प्रवेश करते ही दोनों तरफ बने फव्वारे का स्ट्रक्चर टूट चुका है। फव्वारे के अंदर बने मछली के स्ट्रक्चर भी टूटे पड़े हैैं। पार्क में फुटपाथ किनारे रोशनी के लिए छोटी-छोटी लाइटें लगाई गई थीं, जो टूट चुकी हैैं। बैठने के लिए बनाई गई सीमेंट की बेंच भी जर्जर हाल में है। पार्क में लगे कई स्टील के डस्टबिन स्टैंड से अलग हो गए हैं। बरसात के चलते पार्क में झाडिय़ों का जंगल और ज्यादा विस्तार ले चुका है। जिसकी कटाई लंबे समय से नहीं हुई है।

1.5 करोड़ खर्च
गौरतलब है कि सूरजकुंड पार्क का सौंदर्यीकरण जून 2018 में शुरू हुआ था। तीन साल हो गए हैं। इसके सौंदर्यीकरण के लिए 1.5 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। 2015 में पार्क में साफ-सफाई के नाम पर घोटाला पकड़ा गया था।

सूरजकुंड पार्क का निरीक्षण कराएंगे। अगर स्थिति ठीक नहीं मिलती है, तो निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार से मेंटीनेस कराया जाएगा। ठेकेदार से मेंटीनेंस का पांच वर्ष तक का अनुबंध है।
हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी