शुक्रवार को डाई व्यापारी को फाइनेंसर्स ने परतापुर फ्लाईओवर से अगवा कर यार्ड में बनाया था बंधक

परतापुर थाने में व्यापारी की तहरीर पर पुलिस ने चार आरोपी फाइनेंसर्स को पकड़ा था

फाइनेंसर्स के पक्ष में आए शिवसेना के कार्यकर्ता, एसएसपी ऑफिस पर किया हंगामा

सीओ ने परतापुर थाना पुलिस को दिए आरोपी पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश

Meerut। बिजली बंबा बाईपास से डाई कारोबारी का कार समेत अपहरण कर बंधक बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को आरोपी फाइनेंसर्स के पक्ष में शिवसेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं एसएसपी ऑफिस में हंगामा कर दिया। मगर एसएसपी ने जब फाइनेंनसर्स से गाड़ी पकड़ने के नियम कानून पूछे तो शिवसेना के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ फाइनेंसर्स भी चुप्पी साध गए। जिसके बाद सीओ ने डाई कारोबारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश परतापुर थाना पुलिस को दिए।

ये है मामला

शुक्रवार सुबह व्यापारी सुभाष चंद पुत्र विजयपाल निवासी जी-49 भगवती कुंज हापुड़ बाईपास मेरठ अपनी महेंद्रा केयूवी में एक रिश्तेदार के साथ सवार होकर दिल्ली के लिए निकले थे। सुभाष ने बताया कि करीब सुबह 8.30 बजे परतापुर फ्लाईओवर पर कुछ कारसवार युवकों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक करके रोक लिया। उन्होंने बताया कि अनजान युवकों ने उनकी गाड़ी की चाभी निकाली और गाड़ी की रुकी हुई किस्त के रूप में 12 हजार रूपये मांगे। सुभाष ने बताया कि उनके पास 8600 रूपये थे, जो उन्होंने उन युवकों को दे दिए और जल्द ही गाड़ी की बाकी तीन किस्त भी देने का आश्वासन दिया। मगर कार सवार युवकों ने सुभाष को गाड़ी में बैठाया और मेरठ बाईपास पर एमआईईटी कॉलेज के पास बने यार्ड में ले जाकर गाड़ी समेत बंधक बना लिया। सुभाष ने बताया कि इस दौरान उनसे उनकी फैक्ट्री की चाभी, घर चाभी भी छीन ली गई। जिसके बाद व्यापारी सुभाष ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को खुद के बंधक होने की बात बताई। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस व्यापारी को बाईपास स्थित यार्ड से मुक्त कराकर टीपी नगर थाने ले आई थी।

नहीं दर्ज किया मुकदमा

घटना के बाद टीपी नगर थाना प्रभारी रघुराज सिंह ने पीडि़त का मामले परतापुर थाने का बताते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया था। हालांकि बाद में पीडि़त की तहरीर परतापुर थाना पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लिया था। हालांकि बाद में पीडि़त की गाड़ी उन्हें वापस दिला आरोपी पक्ष को भी छोड़ दिया गया।

सीओ ने बताए नियम

जिसके बाद परतापुर पुलिस द्वारा फाइनेंसर्स को पकड़ने और उनके साथ सख्ताई करने के विरोध में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एसएसपी ऑफिस पर हंगामा किया। प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र तोमर ने एसएसपी को बताया कि बताया कि बीती 22 मार्च को शिवसेना के परतापुर प्रमुख संजीव चौधरी और महानगर सचिव अमित शर्मा अपनी गाड़ी से जा रहे थे, इसी दौरान कुछ युवक उनके पीछे लग गए। जिनसे बचने के लिए संजू चौधरी ने गाड़ी थाना परतापुर के अंदर घुसा दी। आरोप है कि थाने में गाड़ी घुसते ही गाड़ी से पीछा कर रहे थाने के दरोगा धर्मवीर, सलीम और एसओजी के प्रशांत ने दोनों शिवसेना कार्यकर्ताओं को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद फाइनेंसर्स से एसएसपी ने पूछा कि कार खींचने के लिए जब गए थे तो कारोबारी को उठाकर बंधक क्यों बनाया? इस पर फाइनेंसर कोई जवाब नहीं दे सके। इतना ही नहीं, एसएसपी ने कहा कि कोई वारंट या एनओसी तहसील से जारी कराई थी तो इस पर भी फाइनेंसर्स चुप्पी साध गए। जिसके बाद एसएसपी ने फाइनेंसर्स के खिलाफ परतापुर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।