- रविवार की रात किसी ने खंगाला विनीत का घर

- दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के मिले सबूत

- चोरी की आशंका से इनकार, जांच करेगी पुलिस

Meerut : पांच मौतों की स्क्रिप्ट तो सबने देखी है, लेकिन कुछ ऐसा है जो नहीं दिख रहा। कर्ज से दबे परिवार के सुसाइड नजर आ रहे इस केस में सब कुछ इतना भी साफ नहीं है, बल्कि तमाम सवालों से अब यह साफ है कि कुछ तो गड़बड़ है। इस मामले में सोमवार दोपहर 3 बजे उस समय नया मोड़ आया, जब मरने वाले अरोड़ा परिवार के बंद पड़े घर का दरवाजा सड़क पर खेल रहे बच्चों ने खुला देखा। पुलिस ने अब जांच की दिशा बदलने की तैयारी कर ली है।

सबूत मिटाने की कोशिश?

तीन बार ऑटो लॉक दरवाजा सोमवार की दोपहर खुला हुआ था। यह दरवाजा पुलिस ने अपनी मौजूदगी में शवों को बाहर निकालने के बाद मजबूती से बंद कराया था। दरवाजा खुला देख पड़ोसी अनुज गुप्ता ने पुलिस और मृतकों के परिजनों को घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी। पुलिस ने जांच में पाया कि घर में रखे हुए सामान से छेड़छाड़ की गई है और अलमारी खोलने के सबूत भी मिले हैं। वारदात रविवार की रात हुई। जिस इनवर्टर के प्लग को घर की लाइट बंद करने के लिए निकाला गया था वो साकेट में लगा मिला। करीब 1 घंटे बाद विनीत के शास्त्रीनगर निवासी ताऊ हरिमोहन के बेटे विपिन चाबी लेकर पहुंचे और उन्होंने दरवाजा खोलकर पुलिस के साथ घर में घुसकर स्थिति को देखा।

चोरी की आशंका से इनकार

एसओ थाना टीपीनगर हंसराज भदौरिया ने इस आशंका से इनकार किया है कि दरवाजा चोरी के इरादे से खोला गया। घर में अंदर दाखिल मृतक विनीत के चचेरे भाई विपिन ने घर में रखे सामान के साथ छेड़छाड़ की पुष्टि की है। विपिन ने बताया कि अलमारी के रखे सामान को उल्टा-पल्टा गया है। क्योंकि कभी विपिन, विनीत के घर में नहीं आए थे सो उन्हें भी नहीं मालूम था कि घर में क्या-क्या रखा है? पड़ोसी ब्रजेश जिंदल एवं अन्य ने इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

लॉक दरवाजा कैसे खुल गया, जाहिर है कोई अंदर गया है। उसकी क्या मंशा है? इसकी जांच पड़ताल की जाएगी। अब तक सुसाइड पैक्ट घोषित इस केस का इन्वेस्टीगेशन नए सिरे से किया जाएगा।

-अजय आनंद, पुलिस महानिरीक्षक, मेरठ जोन