कई विक्रेताओं को नहीं ंिमठाइयों के लिए जारी की गई बेस्ट बिफोर मेशन गाइडलाइन की जानकारी

अंदाजे से ही लगा रहे एक्सपायरी डेट, कई जगह दुकानों पर नहीं लिखा मिला मिठाई की ट्रे और कंटेनर पर बेस्ट बिफोर

Meerut। खराब मिठाइयां खाकर लोगों की सेहत न बिगड़े इससे बचाने के लिए शासन ने भले ही बेस्ट बिफोर मेंशन करने का नियम लागू कर दिया हो। मगर जमीनी हकीकत की बात करें तो इस नियम जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। अधिकतर विक्रेता बिना बेस्ट बिफोर टैगिंग के ही मिठाई बेच रहे हैं। जबिक कुछ स्वीट्स शॉप अपने अंदाजे से ही बेस्ट बिफोर का टैग चस्पा कर मिठाइयां बेच रहे हैं। ये खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम की ओर से मंगलवार को किए गए रियलटी चेक में हुआ। शहर की दुकानों में जहां नियमों का उल्लंघन दिखा वहीं विक्रेताओं को गाइडलाइन की जानकारी तक नहीं मिली।

ये मिली स्थिति

गत 1 अक्टूबर से मिठाई की ट्रे और कंटेनर पर बेस्ट बिफोर लिखना अनिवार्य किया गया था। इसके बावजूद दुकानों पर विक्रेताओं ने एक्यपायरी टैग नहीं लगाया है। रेलवे रोड स्थित पवन स्वीट्स पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां पर मिठाइयों की ट्रे पर किसी तरह की कोई जानकारी नहीं थी। इसके अलावा बुढ़ाना गेट पर स्थित गोकुल स्वीट्स पर बेस्ट बिफोर की टैगिंग मिली। जबकि बुढ़ाना गेट स्थित अन्य मिठाई की शॉप पर न तो मिठाइयों की ट्रे पर टैगिंग थी और न ही यहां कस्टमर्स को इस बाबत कोई जानकारी दी जा रही थी। इसके अलावा गढ़ रोड स्थित मोहन स्वीट्स शॉप पर टैगिंग थी लेकिन विक्रेता को गाइडलाइन के बारे में जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने अंदाजे से ही मिठाइयों पर एक्सपायरी टैग किया हुआ है।

ये हैं गाइडलाइन

मिठाइयों की ट्रे पर बेस्ट बिफोर लिखा होना जरूरी है।

मिठाइयों की ट्रे पर मन्यूफैक्चरिंग डेट लिखना स्वैच्छिक है।

नियमों के तहत वेरी शॉर्ट शेल्फ लाइफ प्रोडक्ट्स जैसे कलाकंद को सेम डे कंज्यूम करने की जानकारी दी जाएगी।

शॉर्ट लाइफ शेल्फ के तहत दो दिन तक मिठाइयों को रखा जा सकता है। इसमें मिल्क प्रोडक्ट्स और बंगाली स्वीट्स को शामिल किया गया है।

मीडियम शॉर्ट लाइफ शेल्फ के तहत चार दिन में मिठाइयों को कंज्यूम करना होगा। इसके तहत लड्डू और खोया प्रोडक्ट्स को रखा गया है।

लॉन्ग लाइफ शेल्फ के तहत सात दिन तक मिठाइयों को कंज्यूम किया जा सकता है। इसमें देसी घी और ड्राइ फ्रूट से बनी मिठाइयों को शामिल किया गया है।

वेरी लॉन्ग लाइफ शेल्फ के तहत 30 दिन तक मिठाइयां रखी जा सकती है। इसमें आटा लड्डू, बेसन लड्डू, चना लड्डू, कराची हलवा, सोहन हलवा, गजक, चिक्की आदि को शामिल किया गया है।

शासन के निर्देशों के तहत सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। नया नियम लागू हुआ है। फिलहाल कागज से हैंड स्लिप तैयार कर लगा दी गई हैं जल्द ही कंप्यूटरीकृत टैगिंग कर दी जाएगी।

दिनेश गुप्ता, जनरल सेक्रेट्ररी ऑफ स्वीट्स एसोसिएशन व संचालक गोकुल स्वीट्स

एक्सपायरी स्लिप लगाने की गाइडलाइन की जानकारी है। हमारी मिठाइयां एक दिन में ही खत्म हो जाती है इसलिए टैगिंग नहीं कर रहे हैं।

पवन, संचालक, पवन स्वीट्स

टैगिंग की है लेकिन गाइडलाइंस की पूरी जानकारी नहीं हैं। विभाग की ओर से भी हमें कोई जानकारी नहीं दी जाती है। ऐसे में मजबूरी है कि अंदाजे से ही बेस्ट बिफोर लगा रहे हैं।

गोपाल, संचालक, मोहन स्वीट्स

शासन की ओर से सभी स्वीट शॉप्स को बेस्ट बिफोर की जानकारी कस्टमर को देनी होगी। ट्रे या कंटेनर पर स्लिप लगी होनी जरूरी है। कार्रवाई के तौर पर पहले कारोबारियों को जागरूक करने के निर्देश हैं। इसके लिए 15 दिन का समय दिया जाता है।

अर्चना धीरान, डीओ, मेरठ