मेरठ (ब्यूरो)। मोदी सरकार ने आम बजट के जरिए देशवासियों को राहत देने की कोशिश की है। कपड़े, जूते, मोबाइल फोन जैसी चीजों को सस्ता किया गया। वहीं इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए आयकर का दायरा बढ़ाकर सरकार ने बड़ी राहत दी है। कुल मिलाकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर सभी वर्गों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आई। इनकम टैक्स के नए प्रावधान का कारोबारियों ने स्वागत किया। वहीं, आयकर रिटर्न में छूट न मिलने से थोड़ी निराशा भी हैं।

सात लाख तक राहत
बजट की सबसे प्रमुख घोषणाओं में आयकर का दायरा पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये करने की घोषणा ने सबसे अधिक राहत दी है। इस घोषणा के अनुसार टैक्स रिजिम वाले के लिए सात लाख रुपये तक की आमदनी को अब कोई आयकर नहीं देना होगा। इससे नौकरी पेशा से लेकर मध्यमवर्गीय व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। वहीं सुपर रिच टैक्स को घटाकर 37 प्रतिशत कर दिया गया है इससे बड़े उद्यमियों और टैक्स पेयरों को भी राहत मिली है। साथ ही रिटायर्ड कर्मियों के लिए लिव इनकैशमेंट को बढ़ाकर तीन लाख से 25 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे रिटायर्ड कर्मचारियों को भी सरकार ने थोड़ी राहत दी है।

पर्सनल टैक्स कम करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इंडस्ट्री के लिए कारपोरेट रेट ऑफ टैक्स कम हैं जबकि कंपनीज और पार्टनरशिप का ज्यादा है। इसको कम किया जाना चाहिए था। एमएसएमई के लिए 9 हजार करोड़ का बजट की घोषणा जरुरत के हिसाब से बहुत कम है।
अनुराग अग्रवाल, डिवीजनल चेयरमैन आईआईए

सोना,चांदी, प्लेटिनम महंगा कर दिया गया है। इससे पहले से ही महंगे चल रहे गोल्ड में प्रति 10 ग्रा। एक हजार रुपए का इजाफा हो जाएगा। ग्राहक महंगे गोल्ड के कारण बाजार से दूरी बना सकते हैं।
मनोज गर्ग, कोषाध्यक्ष मेरठ बुलियन एसो.

किसान को दोगुनी एमएसपी, खाद पर सब्सिडी, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य इन सबके लिए बजट में कोई प्रावधान नही है। इस बजट में महंगाई से कोई राहत नही दी गई है। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है।
अंकुश चौधरी, जिलाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी

यह बजट ट्रांसपोर्टर्स सेक्टर की उम्मीदों पर खरा नही है। कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद आम आदमी और भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र को राहत देने के लिए डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतों में कोई कमी नहीं हुई है। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का कोई जिक्र नहीं है।
गौरव शर्मा, ट्रांसपोट्र्स एसोसिएशन अध्यक्ष

बजट 2023 में भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र को कोई ठोस राहत नहीं मिली है। यह आशा की गई थी कि सरकार टीडीएस और प्रकल्पित कर के हमारे लंबे समय से लंबित मुद्दों पर कम से कम राहत प्रदान करेगी, जो तर्कहीन हैं और जमीनी हकीकतों का समर्थन नहीं करते हैं।
दीपक गांधी, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन महामंत्री

टैक्स पेयर्स के लिए सात लाख तक की घोषणा को 10 लाख रुपए तक किया जाना चाहिए था। साथ ही कपड़े से जीएसटी हटानी चाहिए थी। इसके संबंध में घोषणा नही हुई। बाकी यह बजट काफी सही बजट है।
नवीन अरोड़ा, आर्नर, होटल हारमनी

कई मांगों जैसे टायरों के आयात पर प्रतिबंध और एंटी-डंपिंग शुल्क को हटाने, जीएसटी को कम करने और पुर्जों पर शुल्क, एड ब्लू, बीएस सिक्स वाहन और बीमा और स्क्रैपिंग नीति के प्रोत्साहन पर भी वित्त मंत्री ने विचार नहीं किया।
अमित बंसल, सदर बाजार व्यापार संघ महामंत्री

छोटे व्यापारियों को सरकार आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है। पहले से ही कमजोर छोटे व्यापारी बिना सरकारी सहायता के कैसे आत्मनिर्भर बनेगा उसको अपने काम उद्योग लगाने के लिए जमीन भी चाहिए, सब्सिडी भी चाहिए, आर्थिक मदद भी चाहिए, तभी तो छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
लोकेश चंद्रा खटीक, अध्यक्ष जनशक्ति व्यापार समिति

टैक्स के नाम को लेकर सरकार ने पब्लिक के हाथ में झुनझुना थमा दिया है। ना शिक्षा पर बात हुई, ना एमएसपी पर बात की है। बजट से रोजगार और रसोई गैस की राहत को दूर रखा गया।
मोहम्मद शोएब, शहर अध्यक्ष मेरठ व्यापार मंडल

यह बजट पिछले साल के बजट से अलग कुछ नही है। नए वादों की फिर से झड़ी लगाई गई है। जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा हुआ है जैसा पहले था।
पं। प्रवीण वशिष्ठ, वरिष्ठ समाजसेवी

बजट में महंगाई और बेरोजगारी को अनदेखा किया गया है। व्यापारियों और मध्यमवर्ग के लिए कुछ नही है। चंद उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट है।
शशिकांत गौतम, छात्र नेता

तीन करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले माइक्रो उद्योग को कर में छूट से एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा। 9 साल बाद टैक्स में बदलाव की घोषणा से मध्यवर्ग को आयकर में राहत मिलेगी। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है। स्टार्टअप्स को राहत।
विपुल सिंघल, व्यापारी

आयकर दाताओं की 7 लाख तक की आय को आयकर मु्रक्त करना और अवकाश नक़दीकरण की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करना स्वागत योग्य है, लेकिन 80 करोड़ और मेडिक्लेम की छूट समाप्त करना निराशाजनक है। इससे कैश इन हैंड और कैश का फ्लो तो बढ़ेगा किन्तु छोटी बचत के रास्ते बंद होंगे।
अभिषेक भाटिया, कार्यालय अधीक्षक, प्रदेश महामंत्री शिक्षणेत्तर कर्मचारी परिषद

बजट 2023 डिजिटल लाइब्रेरी से गांव का छात्र कैसे जुड़ेगा, यहां आज तक बातचीत के लिए नेटवर्क की उपलब्धता नही हो पाई। अच्छा होता डिजिटल शिक्षा के लिए डाटा प्लान सस्ते किए जाते सस्ती दरों पर छात्रों को एजुकेशन लोन मिलने का प्रवधान बजट में किया जाता।
विनीत चपराना, छात्र नेता

हाउसिंग सेक्टर जिस राहत और घोषणा की उम्मीद थी। वह नही दी गई। हाउसिंग लोन पर लिमिट बढ़ाने की जरुरत थी। उस पर भी कोई घोषणा नही की गई।
दिनेश गुप्ता, डायरेक्टर, नव गृह प्रमोटर

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, आईसीएमआर लैब, हेल्थ सेक्टर में पीपीपी पार्टनरशिप और मरीजों का डिजिटल डेटा कलेक्शन की योजना काफी अच्छी घोषणाएं हैं। इनसे फ्यूचर में हेल्थ सेक्टर में काफी फायदा मिलेगा। नर्सिंग कालेज खोले जाने से हेल्थ सेक्टर बेहतर होगा।
संदीप गर्ग, डायरेक्टर न्यूटीमा हॉस्पिटल

आयकर दाताओं की 7 लाख तक की आय को आयकर मु्रक्त करना यह अच्छा कदम है। इससे नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में कोई विशेष योजना नहीं तय की गई है।
विशाल पंवार, व्यापारी

व्यापार में सुगमता लाने के लिए सरकार ने 3400 कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर लाने का फैसला किया है। टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव हुआ है, अब 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नही लगेगा, बजट में वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को भी सौगात दी गई है, गरीब और किसान वर्ग को भी इस बजट से फायदा मिलेगा।
अजय दीवान, अधिवक्ता