- सिर्फ महिला टीचर्स को छुट्टी मिलने पर उठाया जा रहा है सवाल
- मेरठ में 200 बेसिक शिक्षक जीवन संगिनी संग रख रहे हैं व्रत
Swati Bhatia
Meerut: महिलाओं का खास त्योहार माना जाने वाले करवाचौथ की छुट्टी पर इस बार शिक्षकों ने प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जिले में 200 से अधिक पुरुष शिक्षकों ने छुट्टी की मांग की है। पिछले कई सालों से व्रत में भी ड्यूटी करने वाले पुरुष शिक्षकों ने इस बार अपनी आवाज बुलंद की है। मेरठ की इस आवाज को प्रदेशव्यापी बनाने की पहल की जा रही है। फिलहाल ऐसा कोई दमदार तर्क नहीं है, जिसे मान लिया जाए। लेकिन कुछ पुरुष शिक्षकों का कहना है कि जब वे भी पत्नी के साथ निर्जल व्रत रहते हैं तो उन्हें भी 30 अक्टूबर को करवाचौथ पर छुट्टी मिलनी ही चाहिए। छुट्टी के लिए गुरुओं की यह गुहार विभाग के साथ ही हर किसी को चौंका रही है।
महिलाओं को छुट्टी क्यों
करीब एक दशक पहले आई मूवी बागवान में पत्नी के साथ पति भी करवाचौथ का व्रत रखते हैं। इसी राह पर चलते हुए जिले के तमाम पुरुष शिक्षक पिछले एक दशक से करवा चौथ व्रत रखते आ रहे हैं। वे शासन से सिर्फ महिला शिक्षकों को छुट्टी मिलने पर एतराज जता रहे हैं। कह रहे हैं कि जब पत्नी के साथ पूरे दिन और रात में चांद का दीदार करने तक उन्हें भी कठिन निर्जल व्रत रखना पड़ रहा है। फिर ऐसे में पुरुषों को छुट्टी क्यों नहीं मिल रही है।
व्रत में पढ़ाना मुश्किल
सूत्रों की मानें तो उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के कुछ सदस्यों ने छुट्टी में इस भेदभाव को दूर करने केलिए बीएसए और शासन को पत्र भेजा है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल जाने पर बच्चों को बोलकर व खड़े होकर पढ़ाना पढ़ेगा, जिसके चलते गला सूखेगा और इससे प्यास लगेगी। ऐसे में निर्जल व्रत पर संकट खड़ा हो जाएगा। पिछले कई साल से छुट्टी न मिलने की टीस के मद्देनजर इस बार गुरुओं के मुखर होने की विभाग में चर्चा खास है।
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यह मांग रहे हैं छुट्टी
रजपुरा ब्लॉक जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक मनीष शर्मा की शादी 2000 में हुई थी। तब से हर साल पत्नी मीनाक्षी के साथ निर्जल व्रत रखते हैं। हर बार मनीष को व्रत रखने में दिक्कते आती है, इसलिए करवाचौथ पर विभाग से छुट्टी मांगी है।
अब्दुलापुर स्थित जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक तेजपाल सिंह 2003 से पत्नी सीमा के साथ करवाचौथ का कठिन व्रत रखते हैं। छुट्टी न मिलने पर व्रत में दिक्कत होती है।
कोतवाली स्थित प्राथमिक स्कूल के शिक्षक अरुण त्यागी अपनी पत्नी के आरती के साथ पिछले साल से ही व्रत रखते है। पिछली बार पहली बार व्रत रखा था तो पता लगा था कितनी दिक्कते होती है। इसलिए इसबार वह छुट्टी चाहते हैं।
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पत्नी की नाराजगी से लगता है डर
छुट्टी मांगने के पीछे गुरुओं का एक और तर्क भी है। यह तर्क भले ही उनकी भावनाओं से जुड़ा है लेकिन फिर भी कुछ शिक्षकों ने यह तर्क रख दिया है। तर्क यह कि उनके घर में पत्नी के व्रत में सहयोग के लिए कोई और नहीं होता है, इसलिए अगर वह अवकाश नहीं लेंगे तो पत्नी भी नाराज होगी। पत्नी ठीक से पूजा नहीं कर सकेंगी, जिससे घर में नाराजगी का माहौल पैदा हो सकता है।
वर्जन
कुछ शिक्षकों की डिमांड आई है। ऐसा सुनने में आया है कि शिक्षक ऐसी मांग कर रहे हैं, लेकिन अवकाश केवल शासन स्तर पर ही तय होता है। वैसे भी यह अवकाश केवल महिलाओं के लिए होता है।
-मोहम्मद इकबाल, बीएसए
कुछ शिक्षकों ने मांग रखी थी, लेकिन उनको समझा दिया गया है कि पुरुषों को इस व्रत पर छुट्टी मांगना औचित्य नहीं बनता है। इसलिए अब सभी शिक्षक भी इस बात को समझ गए हैं।
-राकेश तोमर, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ