मेरठ (ब्यूरो)। बीते कई सालों में शायद ही ऐसा कोई साल रहा होगा, जब सर्दियों में शहर ने स्मोग की चादर न ओढ़ी हो, हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक न पहुंची हो। इतना ही नहीं, शहर के तीन जोन यानी जयभीमनगर, गंगानगर और पल्लवपुरम में एक्यूआई मीटर लगे हैैं जो सही रीडिंग दे रहे हैैं, बावजूद इसके पॉल्यूशन पर काबू पाने के जो इंतजाम संबंधित विभागों द्वारा किए जाने चाहिए वो नहीं किए जा रहे हैैं। उसी का नतीजा है कि तीन जोन में से जयभीमनगर की हवा आंकड़ों के मुताबिक सांस लेने लायक नहीं बची है।

बिगड़ती जा रही स्थिति
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पॉल्यूशन मीटर के अनुसार शहर में सबसे अधिक स्थिति जयभीम नगर क्षेत्र की खराब है। यदि सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो जयभीम नगर की हवा पिछले तीन माह में सबसे अधिक तेजी से खराब हुई है। नवंबर माह की बात करें तो यहां का एक्यूआई चार दिन में रेड जोन तक पहुंच चुका है।

जयभीम नगर का एक्यूआई
सितंबर माह में जयभीम नगर का 20 दिन एक्यूआई ग्रीन स्तर यानि साफ हवा रही
सितंबर माह में एक भी दिन एक्यूआई आरेंज स्तर पर नहीं रहा
सितंबर माह में 9 दिन हवा येलो यानि थोडी खराब रही
अक्टूबर माह में 2 दिन 22 और 27 अक्टूबर को एक्यूआई रेड जोन में पहुंची थी
अक्टूबर माह में 6 दिन हवा ग्रीन और 11 दिन येलो और 11 दिन आरेंज स्तर पर रही
नवंबर माह में जयभीम नगर की हवा 20 नवंबर तक 4 दिन 1, 3, 9 और 10 नवंबर को रेड जोन यानि खतरे वाले स्तर पर पहुंच चुकी है
इन चार दिन एक्यूआई 325, 387, 336 और 317 रहा
अब तक 11 दिन यहां की हवा आरेंज और 3 दिन येलो स्तर पर बनी हुई है।

गंगनगर का 3 माह का एक्यूआई
सितंबर माह में 11 दिन एक्यूआई ग्रीन यानि साफ हवा रही
सितंबर माह में मात्र एक दिन एक्यूआई आरेंज स्तर पर रहा
सितंबर माह में 18 दिन हवा येलो यानि थोडी खराब रही
अक्टूबर माह में चार दिन गंगानगर की हवा रेड जोन यानि अधिक खराब रही
अक्टूबर माह में 12 दिन गंगानगर की हवा आरेंज और 4 दिन येलो रही
नवंबर माह में गंगानगर की हवा 20 नवंबर तक दो दिन 3 और 4 नवंबर को रेड जोन यानि खतरे वाले स्तर पर पहुंच चुकी है।
इन दोनो दिन एक्यूआई 344 और 335 तक रहा
अब तक 12 दिन यहां की हवा आरेंज और मात्र 6 दिन येलो स्तर पर रही है।

पल्लवपुरम का 3 माह का एक्यूआई
सितंबर माह में 15 दिन एक्यूआई ग्रीन यानि साफ हवा रही
सितंबर माह में एक भी दिन पल्लवपुरम का एक्यूआई आरेंज स्तर पर नही रहा
सितंबर माह में 12 दिन हवा येलो यानि थोडी खराब रही
अक्टूबर माह में 16 दिन पल्लवपुरम की हवा आरेंज जोन यानि अधिक खराब रही
अक्टूबर माह में 6 दिन हवा ग्रीन और 9 दिन येलो रही
नवंबर माह में पल्लवपुरम की हवा 20 नवंबर तक दो दिन 3 और 9 नवंबर को रेड जोन यानि खतरे वाले स्तर पर पहुंच चुकी है
इन दोनो दिन एक्यूआई 306 और 312 रहा
अब तक 17 दिन यहां की हवा आरेंज यानि खराब स्तर पर बनी हुई है

पूरे शहर की आबोहवा प्रदूषण के कारण खराब है। सड़कों पर गड्ढों से उड़ती धूल में आंख खोलना तक दूभर हो जाता है। जलते हुए कूड़े के ढ़ेर से हवा और अधिक प्रदूषित हो रही है।
शशिकांत

गढ़ रोड पर कई इंडस्ट्रीयल एरिया हैं, जहां फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण स्तर बढ़ा रहा है। इसके अलावा यहां भोपाल विहार, शिव शक्ति नगर आदि कालोनियों में अवैध फैक्ट्रियों की भरमार है।
मुंशी जयचंद

सर्दियों की शुरुआत में हर साल हवा का स्तर बहुत खराब हो जाता है। इसकी रोकथाम के लिए जिन संबंधित विभागों को जो जरुरी उपाय करने चाहिए, वह सिर्फ कागजों में ही किए जाते हैैं। पॉल्यूशन रोकने के नाम पर बस कुछ दिन पानी का छिड़काव कर खानापूर्ति कर दी जाती है।
ऊदल सिंह

यह जरुरी नहीं की पराली जलने से ही इस मौसम में प्रदूषण बढ़ता है। लगातार शहर में बढ़ रही गाडिय़ों की संख्या और बेहिसाब इंडस्ट्रीज का संचालन प्रदूषण के लेवल को तेजी से बढ़ा रहा है। सर्दियों के दिनों में फॉग के कारण पॉल्यूशन के कण हवा में रूक जाते हैैं, इसलिए पानी का छिड़काव लगातार होना चाहिए।
नवाब सिंह

जयभीम नगर क्षेत्र में सड़कों की खस्ता हालत, कंस्ट्रशन वर्क और इंडस्ट्रीयल एरिया के कारण प्रदूषण का स्तर बाकि दोनो सेंटर गंगानगर और पल्लवपुरम से अधिक रहता है। बाकि हम लगातार प्रदूषण के कारकों को रोकने के लिए लोगों को विभिन्न माध्यम से जागरूक कर रहे हैं।
विजय कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी

प्रदूषण के कारण हमारे शरीर के कई भागों प्रभाव पड़ता है। लेकिन सबसे अधिक प्रभाव फेफडों पर होता है। दमे के सांस के मरीजों के लिए प्रदूषण अत्याधिक खतरनाक है। आंखों में जलन से लेकर लगातार सिर दर्द तक भी प्रदूषण के कारण होता है। जरुरी है इस दौरान घर से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग करें।
डॉ। विश्वजीत बैंबी, सीनियर फिजीशियन