कमिश्नर ने किया ऑक्सीजन गैस प्लांटों और सिलेंडर वितरण केंद्रों का औचक निरीक्षण

कहा, ऑक्सीजन की कमी नहीं, कमी से मौत पर होगी कार्रवाई

Meerut। नगर निगम की ओर से चलाए जा रहे तीन ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटरों पर भरा सिलेंडर देने के लिए तय की गई 24 घंटे की समय-सीमा कमिश्नर सुरेंद्र सिंह को पसंद नहीं आई है। मंगलवार को केंद्रों के औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि जिले में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नहीं है। किसी भी जरूरतमंद को हर हाल में पांच घंटे में ऑक्सीजन का भरा सिलेंडर खाली के बदले मिल जाना चाहिए। यह व्यवस्था बनाने के लिए उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिए हैं। साथ ही, तत्काल सिलेंडर देने के लिए वितरण केंद्रों पर 40-45 ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक भी तैयार करने को कहा।

किया औचक निरीक्षण

दरअसल, कमिश्नर मंगलवार को परतापुर स्थित नवभारत विद्यापीठ में बनाए गए ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर में दोपहर एक बजे अचानक पहुंच गए थे। वहां उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्हें 30 से ज्यादा खाली सिलेंडर जमा मिले, तो उन्होंने नगर निगम और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से नाराजगी जताई और खाली सिलेंडर तत्काल गैस प्लांट रिफलिंग के लिए भिजवाने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी गैस प्लांट पर ऑक्सीजन की कमी नहीं है। जरूरतमंद को पांच घंटे में रिफिल सिलेंडर की व्यवस्था बनाने के निर्देश एसडीएम सदर को दिए गए। साथ ही, यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नगर आयुक्त मनीष बंसल को फोन किया और मौके पर नगर निगम का कोई अधिकारी नहीं मिलने पर नाराजगी जताई।

तत्काल के भी आसार

कमिश्नर ने जानना चाहा कि यदि किसी को इमरजेंसी में ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए, तो क्या होगा? बताया गया कि भरे हुए सिलेंडर केंद्रों पर नहीं रखे जा रहे हैं। इस पर कमिश्नर ने एसडीएम को निर्देश दिए 40-45 सिलेंडरों का स्टॉक हर वितरण केंद्र पर रखा जाए। कमिश्नर ने बाकी दो ऑक्सीजन वितरण केंद्रों का भी निरीक्षण किया। साथ ही, निर्देश दिए कि कागजात चेक करने के बाद ही लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जाएं। यदि कोई ऑक्सीजन देरी से मिलने के अभाव में मर जाता है तो कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गैस प्लांटों का निरीक्षण

इससे पहले, कमिश्नर ने मंगलवार को ऑक्सीजन गैस प्लांटों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि प्लांटों से केवल आर्मी, पुलिस और अस्पताल को ही गैस सप्लाई की जाए। आम लोगों को वितरण केंद्रों से गैस दी जा रही है। कमिश्नर पूठा रोड स्थित माहेश्वरी गैस प्लांट, कंसल इंडस्ट्रियल गैसेज व कृष्णा गैस प्लांट, उद्योगपुरम स्थित अग्रवाल गैसेज पर पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया।

न हो कालाबाजारी

कमिश्नर ने गैस प्लांटों के मालिकों से कहा कि गैस प्लांटों से सिर्फ आर्मी, पुलिस और अस्पतालों को ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की सप्लाई दी जाए, किसी अन्य व्यक्ति को नहीं। कमिश्नर ने चेतावनी दी कि यदि ऑक्सीजन की कालाबाजारी पकड़ी गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निगम को इसलिए चाहिए 24 घंटे

मेरठ। परतापुर स्थित सेंटर पर मौजूद नोडल अधिकारी नर सिंह राणा ने कमिश्नर को बताया कि सिलेंडर देने के लिए 24 घंटे का समय रखा गया है क्योंकि सुबह 10 से शाम 4 बजे तक केंद्रों पर खाली सिलेंडर जमा किए जाते हैं। शाम को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी उन्हें गैस प्लांट पर ले जाते हैं और वहां से भरे हुए सिलेंडर वापस रिफिलिंग सेंटर पर छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया में 24 घंटे का समय लग जाता है।

अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

मेरठ। किसी तीमारदार को ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए भटकाने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। कमिश्नर ने कहा है कि मरीजों से ऑक्सीजन मंगवाने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, परतापुर स्थित केंद्र पर एक तीमारदार राहुल ने शिकायत की थी कि अस्पताल ने उन्हें ऑक्सीजन लाने केंद्र पर भेजा है।

32 टन ऑक्सीजन पहुंची

जिले में प्रशासन की देखरेख में संचालित विभिन्न ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटरों से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पिछले 24 घंटे में 4196 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति विभिन्न अस्पतालों को की गई।

कई जगह से सप्लाई

एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी ने प्रेस नोट में बताया कि मोहिउद्दीनपुर स्थित कंसल गैस एजेंसी से 1040 सिलेंडर, बिजौली स्थित मेडिऑक्सी से 1206 सिलेंडर, अग्रवाल गैस एजेंसी से 207 सिलेंडर, माहेश्वरी गैस एजेंसी से 902 सिलेंडर, राजश्री गैस एजेंसी से 521 सिलेंडर और कृष्णा गैस एजेंसी से 257 सिलेंडरों की आपूर्ति की गई।

32.13 टन मिली

एडीएम के अनुसार, सोमवार दोपहर 12 बजे तक पिछले 24 घंटे में सेंटरों में कुल 33.7 टन ऑक्सीजन विभिन्न केंद्रों से पहुंची। इनमें कंसल को 6.750 टन, मेडिऑक्सी को 10.5 टन, अग्रवाल गैस एजेंसी को 6 टन और कृष्णा गैस एजेंसी को 8.885 टन ऑक्सीजन मिली है।