केंद्रीय गृह सचिव की वीसी में मंडल कमिश्नर ने दी कार्ययोजना की जानकारी

कहा, मेरठ मंडल में मृत्युदर में कमी लाने के किए जा रहे हैं प्रयास

Meerut। मरीजों को कब और किस स्थिति में मेडिकल कॉलेज रेफर करना है, मरीजों की जान कैसे बचानी है इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये बात मेरठ मंडल कमिश्नर अनीता सी। मेश्राम ने सेंट्रल होम सेक्रेटरी अजय कुमार भल्ला की समीक्षा वीसी में कही। जिले में बढ़ते मरीजों को देखते हुए जल्द ही ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा। समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अजय कुमार भल्ला ने निर्देश दिए कि आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए और अधिक सजगता के साथ कार्य करने की जरूरत है। आमजन को मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की भी समुचित व्यवस्था कराई जाए।

हर मरीज पर नजर

कमिश्नर ने बताया मंडल में सर्विलांस को बढ़ाया गया है। हर मरीज पर नजर रखी जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों के बाहर मोबाइल वैन से टेस्टिंग कराई जा रही है, जबकि नगरीय निगरानी समिति भी कार्य कर रही है। होम आइसोलेशन में रखे व्यक्तियों से नियमित संपर्क किया जा रहा है तथा इंटीग्रेटेड कोविड एंड कमांड सेंटर के जरिए भी सभी मरीजों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

मृत्युदर में कमी लाने के प्रयास

कमिश्नर ने कहा कि पूरे मेरठ मंडल में मृत्युदर में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल 60 प्रतिशत एंटीजन व 40 प्रतिशत आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग है। वहीं आने वाले छह महीने की कार्ययोजना को तैयार कर उसे लागू किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भारत सरकार राजेश भूषण ने आईसीएमआर के संपर्क में रहने व कंटेनमेंट जोन में प्रभावी ढंग से मॉनिटरिंग करने के लिए कहा। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव गृह यूपी अवनीश अवस्थी ने कहा कि आगामी 30 सितंबर तक यूपी में एक करोड़ टेस्ट कोरोना महामारी के संबंध में हो जाएंगे। इस बैठक में डीएम के। बालाजी, सीएमओ डॉ। राजकुमार आदि भी मौजूद रहे।