छह करोड़ से ज्यादा की लागत से बना साइकिल ट्रैक बदहाल

सड़क किनारे पैदल चलने की भी जगह नहीं बची

घोटालों की आंच में पिस गया जनता के लिए बना प्रोजेक्ट

Meerut। चार साल पहले साल 2017 के सपा शासन में क्लीन यूपी ग्रीन यूपी योजना के तहत मेरठ में करीब छह करोड़ की लागत से बना साइकिल ट्रैक इस कदर बदहाल है कि साइकिल दिवस के दिन भी इस पर कोई चलने का साहस नहीं कर सकता। ट्रैक जगह जगह से टूट-फूट गया है और जगह जगह ट्रैक पर अतिक्रमण हो चुका है। सड़क किनारे पैदल चलने की जगह तक खत्म हो गई और पूरे साइकिल ट्रैक पर जगह जगह झाडियों का कब्जा हो गया है।

साढ़े 5 किमी। लंबा

करीब 5.20 किमी लंबे इस ट्रैक की चौड़ाई दो मीटर है, जिस पर आसानी से दो साइकिल सवार एक साथ सुरक्षित रुप में साइकिल चला सकते हैं। इसे इस तरह बनाया गया था कि सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों के ट्रैफिक का साइकिल चालकों पर असर नही पडे़। रात के समय सुरक्षा के लिए मंहगी एंटिक एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं।

जर्जर हुई हालत

अखिलेश सरकार के समय छह करोड़ 14 लाख 37 हजार रुपए की लागत से एमडीए ने अवस्थापना निधि से साइकिल ट्रैक जुलाई 2017 में तैयार कर दिया था। इस पर साइकिल चलने से पहले ही अखिलेश सरकार चली गई और योगी सरकार ने सत्ता संभाल ली। सरकार बदली तो एमडीए समेत जिला प्रशासन भी इस ट्रैक को भूल गया और इसकी बदहाली शुरू हो गई।

घोटालों में फंसा

यह साइकिल ट्रैक बना ही गलत था। इस रूट पर साइकिल से चलने वाले लोगों की संख्या काफी कम रहती है। इसके बाद इस ट्रैक पर बिजली तार का घोटाला हो गया। 2017 में इस ट्रैक के नाम पर घोटाले खुलने शुरू हो गए, जिनकी जांच अभी तक चल रही है। कई इंजीनियर निलंबित किए भी जा चुके हैं। इस ट्रैक के तार घोटाले में 12 लोगों पर एफआईआर हुई थी। इसमें एमडीए के तीन इंजीनियर गिरफ्तार हुए थे। तत्कालीन कमिश्नर प्रभात कुमार ने उन्हें अपने दफ्तर में बुलाकर गिरफ्तार कराया था।

जली नहीं स्ट्रीट लाइटें

इस ट्रैक पर लगी स्ट्रीट लाइटें आज तक शुरू नहीं हुई हैं। या तो खराब हो चुकी है या चोरी हो गई हैं। हालांकि दो साल पहले एमडीए ने दोबारा इस ट्रैक को गुलजार करने का मन बनाकर योजना बनाई थी लेकिन इसके बाद से ही लॉकडाउन के कारण सब काम प्रभावित हो गए हैं।

साइकिल ट्रैक के नवीनीकरण के संबंध में अभी तो कोई योजना नही है लेकिन जल्द बैठक में प्रस्ताव रख योजना बनाई जाएगी।

देवेंद्र शर्मा, चीफ इंजीनियर