मेरठ में आईएसआई एजेंट को काफी संख्या में पुलिस कर चुकी है गिरफ्तार

पाकिस्तान को गोपनीय सूचना मुहैया कराने में एनआईए जांच में जुटी, अभी नहीं लगे सुराग

लखनऊ से भी मांगा जा रहा है पूरा अपडेट, एडीजी को सौंपनी है पूरे मामले की रिपोर्ट

आर्मी इंटेलीजेंस ने भी अपनी गोपनीय ढंग से शुरू कर दी है जांच पड़ताल

Meerut। पाकिस्तान को गोपनीय सूचना लीक करने के आरोप में हापुड़ का पकड़ा गया पूर्व फौजी सौरभ से एनआईए समेत कई इंटेलीजेंस एजेंसी जांच पड़ताल में जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर एडीजी से शासन ने भी रिपोर्ट मांग ली है। जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट एडीजी शासन को भेजेंगे। इस संबंध में एसपी हापुड़ को भी दिशा-निर्देश एडीजी ने दे दिए है। वहीं सूत्रों की माने तो आर्मी इंटेलीजेंस भी गोपनीय ढंग से अपनी जांच पड़ताल में जुटी हुई है। आरोपी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि आरोपी के बारे में गहनता के साथ जांच हो सके।

पूर्व फौजी की गिरफ्तारी से हड़कंप

पाकिस्तान को गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में हापुड़ से पूर्व फौजी को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद इंटेलीजेंस एजेंसियों की नींद टूट गई थी। एनआईए समेत कई टीमें जांच पड़ताल में जुटी हुई है। शॉप्रिक्स मॉल में लेन-देन की सीसीटीवी नहीं मिलने के बाद और कहां-कहां कब-कब लेन-देन किया गया है, इन सब बिंदुओं पर एनआईए गोपनीय जांच पड़ताल कर रही है। स्पेशल इंटेलीजेंस और एलआईयू अपने स्तर पर जांच करने में जुटी हुई है। बता दें कि मेरठ में एनआईए काफी अलर्ट है। पहले भी कई बार आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके है। वहीं एडीजी इस मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेंगे।

संवेदनशील है वेस्ट यूपी

आतंकी गतिविधियों के लिहाज से वेस्ट यूपी अति संवेदनशील है। वेस्ट यूपी में करीब 10 से ज्यादा आतंकी संगठन सक्रिय है। इनमें अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआईएस, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पकड़े जाते रहे हैं। जैश और आईएसआई एजेंट मेरठ में पहले कई बार पकड़े जा चुके है।

लाते हैं हथियारों की खेप

मेरठ में पांच साल पहले आईएसआई का एजेंट भी पकड़ा जा चुका है। देहली गेट के पूर्वा फैय्याज अली का रहने वाला आसिफ आज भी चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद है। आसिफ के पास से हथियार भी बरामद हुए थे। उसकी पाकिस्तान से कॉल भी पाई गई थी। पाकिस्तान में बहाने से ससुराल बनाकर वहां पर आईएसआई के आतंकियों से आसिफ ट्रेनिंग लेता था।

जुड़े हो सकते हैं कई तार

हापुड़ के सौरभ पकड़े जाने के बाद इसके कई आतंकियों से वेस्ट यूपी के कई जिलों में तार जुड़े हो सकते हैं। पुलिस स्लीपर सेल मॉडयूल के आधार पर भी वेस्ट यूपी में जड़ें तलाश रही है। इसके संपर्क में कौन-कौन रहा है, इसकी जानकारी एनआईए और स्पेशल इंटेलीजेंस जुटा रही है। इसके नंबरों को सर्विलांस पर भी लिया गया है। इसके पास और क्या अहम सुराग है, सब बरामद करने के लिए एनआईए और लोक इंटेलीजेंस भी लगी हुई है।

17 साल में पकड़े गए 19 आतंकी, पचास जासूसों पर हुई कार्रवाई

वेस्ट यूपी में आतंकियों की गड़ी जड़ों पर खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ एनआईए ने भी बड़े पैमाने पर भी कार्रवाई की है.17 सालों में यहां 19 आतंकी और पचास के करीब जासूस पकड़े जा चुके है। इनमें कई फौजी भी है जो चंद रुपयों के लालच में देश के साथ गद्दारी करने से पीछे नहीं रहते है.2018 में आर्मी इंटेलीजेंस ने छावनी में सिग्नल कोर के जवान को जासूसी के आरोपी में पकड़ा। इसके साथ ही बुलंदशहर के खुर्जा में एक संदिग्ध की गिरफ्तारी की गई थी। अगस्त 2014 में मेरठ में संदिग्ध आईएसआई एजेंट आसिफ को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2015 को सदर बाजार क्षेत्र से पाकिस्तान निवासी आईएसआई एजेंट एजाज को एसटीएफ ने पकड़ा था।

वेस्ट यूपी में कई बार आतंकियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इस मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके संपर्क में और कौन लोग थे, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी सौरभ पर सख्त कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है।

राजीव सभ्भरवाल, एडीजी मेरठ जोन