- धड़ल्ले से हो रही अवैध हथियारों खरीद-फरोख्त
- आदेश ताक पर, पुलिस संरक्षण में चल रहीं हैं फैक्ट्रियां
अखिल कुमार
Meerut: कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र में शुक्रवार दोपहर एक शादी कार्यक्रम में सड़क पर सरेआम नशे में धुत युवक तमंचे लहरा रहे थे। चौंकिए मत! मेरठ में 'तमंचे पर डिस्को' का चलन आम हो रहा है। बेशक थाना पुलिस ने एक आरोपी को पकड़कर जेल भेज दिया हो किंतु ये सच है कि मेरठ में घर-घर में तमंचा संस्कृति ने पैर जमा लिए हैं। अव्वल तो ये कि नशाखोर युवक तमंचे के प्रदर्शन को रुतबे से जोड़ रहे हैं। जरा सी कहासुनी में ही तमंचे से आएदिन बड़ी घटनाएं मेरठ में हो रही है। हर घर में तमंचे का चलन बढ़ा है तो पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं है। मेरठ में अवैध हथियारों पर आई नेक्स्ट की एक रिपोर्ट
घर-घर तमंचा
मेरठ शहर के पुराने हिस्सों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में तमंचे का प्रचलन जोरों से है। शादी-ब्याह में हर्ष फायरिंग की घटनाएं हो, लूट, हत्या या दुष्कर्म के प्रकरण हों। अवैध हथियार के दम पर वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। असल में अवैध हथियारों की मंडी बने वेस्ट यूपी को सेंटर मेरठ है, यहां ग्रामीण इलाकों में कई ऐसी अवैध फैक्ट्रियां पुलिस ने चिह्नित की हैं जहां खुलेआम अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं। मौत के इस सामान की खरीद फरोख्त गंगा से लगे खादर क्षेत्रों में खूब होती है। सफेदपोशों के साथ ही खाकी पर भी इसमें शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं।
अवैध हथियारों की कीमत
4000-12 बोर, लंबी नाल
1500-2000-12 बोर, छोटी नाल
2000-5000-15 बोर
8000-10000-देशी रिवाल्वर, 38 बोर
15000-22000-पिस्टल, दर्रा
कारतूस के रेट
110 रुपये-315 बोर
90 रुपये-12 बोर
80 रुपये-32 बोर
110 रुपये-पिस्टल का कारतूस
यहां हैं फैक्ट्रियां
मेरठ के रार्धना, सौंदत, शिवपुरी, खिर्वा, सटला, हिमांयूपुर आदि स्थानों पर अवैध हथियारों की फैक्ट्रियां धड़ल्ले से चल रही हैं।
चलन से बढ़ी डिमांड
खुफिया विभाग ने अवैध हथियारों के चलन को लेकर अलर्ट जारी किया है। वेस्ट यूपी में चुनावी सरगर्मियों के दौरान अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त बड़ी संख्या में होती है। अवैध हथियारों की सप्लाई करने वालों की चहलकदमी भी साफ नजर आ रही है। खुफिया विभाग ने भी तमंचा सौदागरों की जांच में सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
कुख्यात हैं बड़े सप्लायर
मेरठ और आसपास अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त में बड़े कुख्यात गैंग शामिल हैं। गत दिनों पुलिस ने ऊधम सिंह, योगेश भदौड़ा आदि गैंगस्टर के शार्प शूटर को भारी संख्या में अवैध हथियार के साथ पकड़ा था।
डिमांड पर मिलते हैं तमंचे
पुलिस और प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी आसानी से मिल जाते हैं। फैक्ट्री मालिक और उनके गुर्गे इलाके में अपना नेटवर्क फैलाए रहते हैं। जिसे जैसी जरूरत होती है, उसे वैसा तमंचा सप्लाई कर दिया जाता है। डिमांड पर बनवाए गए तमंचे साधारण तमंचों से कुछ महंगे होती है। तमंचे की खेप पहुंचाने की जिम्मेदारी तमंचा बनाने वाले की होती है।
आला के हुक्म, हवा-हवाई
-अवैध हथियारों की फैक्ट्रियों को धर दबोचने के लिए अभियान चलाने के निर्देश एसएसपी डीसी दूबे ने दिए।
-डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने हर्ष फायरिंग की घटनाओं के मद्देनजर अवैध हथियारों की धरपकड़ के कड़े आदेश दिए थे।
-आईजी सुजीत पांडे ने अवैध हथियारों सप्लाई करने वाले और बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश रेंज के जनपदों को दिए थे।
पकड़ा गया जखीरा
5 जनवरी 2015: बहसूमा पुलिस ने शनिवार देर रात्रि नगर के मोहल्ला रामकटोरी में स्थित मकान में चल रही तमंचा फैक्ट्री में छापा मारकर वहां से बने व अधबने सैकड़ों तमंचे सहित 4 को पकड़ा।
4 फरवरी 2015 : मेरठ के परतापुर थानाक्षेत्र के खेड़ा बलरामपुर गांव निवासी सविंदर कुमार को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से 50 पिस्तौल और 100 मैग्जीन बरामद की गई हैं।
5 अपै्रल 2015: अवैध हथियारों के दो सौदागरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये वेस्ट के बड़े गैंग मुकीम काला, राहुल खट्टा, उधम सिंह और योगेश भदौड़ा को असलहे सप्लाई करते थे। सौदागरों के कब्जे से छह पिस्टल और एक डबल बैरल तमंचा बरामद किया है।
2 जुलाई 2015
हुमायूंनगर में पुलिस ने बुधवार को असलाहों का कारखाना पकड़ा। यहां से कुख्यात उधम सिंह के तीन शूटरों समेत पांच बदमाशों को भी दबोच लिया गया।