मेरठ, ब्यूरो। 26 फरवरी 2003 को भोपा में शराब ठेके से लाखों रुपये की हरियाणा मार्का शराब पकडऩे के मामले में सुशील के खिलाफ गैैंगस्टर की कार्रवाई की गई। इस मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सोमवार को कोर्ट में सरेंडर किए जाने के बाद मूंछ एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों आ चुका है। सुशील का नेटवर्क उप्र के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तराखंड में भी फैला हुआ है

कौन है सुशील मूंछ
सुशील मूंछ के तीन नाम हैं। लंगड़ा, प्रधान और सुशील मूंछ। लंगड़ा नाम उसका इसलिए पड़ा, क्योंकि उसे पैर में गोली लग गई थी। मूंछ उसे कालेज के समय से ही कहा जाता था, क्योंकि वह लंबी मूंछ रखता था। वह गांव मथेड़ी का प्रधान भी रहा है। कुख्यात मूंछ पर मेरठ और मुजफ्फर नगर जिले में हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती वसूलने, रंगदारी मांगने आदि के 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैैं।

हत्या से हुई शुरुआत
मुजफ्फरनगर के गांव मथेड़ी के सुशील मूंछ के आपराधिक सफर की शुरुआत 1973 में हत्या से हुई। 10 साल बाद छात्र नेता महेश शुक्ला की 1983 में हुई हत्या का आरोप भी सुशील पर लगा। 2010 में एक लाख रुपये इनाम घोषित किया गया। मेरठ के बसपा के जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर की हत्या का भी सुशील मूंछ पर आरोप लगा था।

इन हत्याओं का आरोप
1. 1991 में पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र कूकड़ा की हत्या

2. 1997 में सुरेंद्र कुकड़ा के बेटे कुलदीप की हत्या
3. 1999 में कुलदीप के दोस्त नवीन व मनीष की हत्या
4. 1992 में देहरादून के वकील हरि गर्ग की हत्या
5. 1994 में वकील हरि गर्ग के भाई की हत्या
6. 1994 में खतौली शुगर मिल कर्मचारी नेता कालूराम गुर्जर की हत्या
7. 1999 में खतौली चीनी मिल के उप महाप्रबंधक एससी जग्गी की हत्या
8. 1998 में नफीस गैंग के बिट्टू शूटर की हत्या
9. 2000 में नफीस गैंग के सक्रिय शूटर हसीन की पुलिस अभिरक्षा में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर हत्या
10. 2004 में नफीस की कुरुक्षेत्र हरियाणा में हत्या