कपड़ा कारोबारी सतनाम नय्यर की पत्नी से बदमाशों ने मांगी थी 25 लाख रूपये की रंगदारी

अब तक चार आरोपी गिरफ्तार, दो चल रहे फरार, फर्जी आईडी पर लिए गए नंबर की जांच में जुटी पुलिस

Meerut। कपड़ा कारोबारी सतनाम नय्यर की पत्नी मनमोहन कौर से पच्चीस लाख रूपये की रंगदारी फर्जी सिम यूज करके मांगी गई थी। दरअसल, जो बदमाश पकड़े गए है, उन्होंने बताया कि फरार चल रहे बदमाशों ने किसी की फर्जी आईडी पर सिम खरीदा था। हालांकि पुलिस संबंधित नंबर की टेलीकॉम कंपनी से संपर्क कर डिटेल जुटा रही है।

फर्जी आईडी का यूज

रंगदारी मांगने के मामले में बदमाशों ने जो सिम खरीदा और यूज किया वो किसकी आईडी पर था, ये सवाल पुलिस के लिए अभी पहेली बना हुआ है। दरअसल, पकड़े गए गगनदीप, सोनू-मोनू और सागर अहलावत से जब सिम के बारे में पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सिम खरीदने का जिम्मा फरार निखिल और विवेक का था। उन्होंने किसी फर्जी आईडी पर रंगदारी मांगने के लिए सिम खरीदा था। पुलिस के मुताबिक फरार दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जिस दुकानदार से फर्जी आईडी पर सिम लिया गया है, उस पर भी पुलिस कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच जारी है, आगे जिन-जिनके नाम सामने आएंगे, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वेरिफिकेशन प्रोसेस पर सवाल

जिस तरह से बदमाशों ने फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर कपड़ा कारोबारी सतनाम नय्यर की पत्नी मनमोहन कौर से पच्चीस लाख रूपये की रंगदारी मांगी, उससे ये साफ हो गया है कि बदमाशों के लिए फर्जी आईडी के इस्तेमाल से सिम का इंतजाम करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इस घटना ने टेलीकॉम कंपनियों के ऑनलाइन वेरिफिकेशन प्रोसेस पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस ने इस संबंध में टेलीकॉम कंपनी से संपर्क कर डिटेल्स मांगी हैं।

हत्या से पहले खुलासा

गगनदीप कई दिनों तक पुलिस को उलझाता रहा और बार-बार कहता रहा कि मुझसे तो नंबर मांगा गया था और मैंने नार्मली नंबर दे दिया था। मगर जब रंगदारी के केस से जुड़े बाकी आरोपी पकड़े गए तो स्पष्ट हुआ कि असली साजिशकर्ता गगनदीप ही है। पुलिस रंगदारी के एंगल पर काम कर रही थी लेकिन गगनदीप के कहने पर बदमाशों ने सहज की हत्या करने की प्लानिंग बना रखी थी।

मलियाना हमले की जांच

एक साल पहले कपड़ा कारोबारी सतनाम नय्यर के बेटे सहज पर हमला हुआ था। उस पर फायरिंग की गई थी। यह मामला भी गगनदीप ने ही कराया था। इस मामले की जांच दोबारा से शुरू कराई जाएगी। पुलिस के मुताबिक इसके लिए एक अलग टीम का गठन किया जा रहा है ताकि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो सके। यह मामला खुल नहीं सका था।

रंगदारी के मामले में फर्जी आईडी पर सिम लेने की बात सामने आई है। टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करके पूरी डिटेल मंगाई जा रही है, जिसको जांच में शामिल किया जाएगा।

विनीत भटनागर, एसपी सिटी, मेरठ

हत्या और रंगादारी की प्लानिंग बताई

गगनदीप भले ही सतनाम नय्यर और उनके बेटे सहज का अच्छा दोस्त बनकर घर में आता-जाता हो लेकिन उसके मन में सहज के प्रति नफरत की भावना कई साल पहले से ही घर कर गई थी। इसी के चलते उसने विवेक कहा था कि पहले रंगदारी मांगेंगे और फिर सहज की हत्या कर देंगे। इससे पुलिस को शक भी नहीं होगा और हमारा काम भी हो जाएगा।

हत्या की प्लानिंग

दरअसल, गगनदीप सहज की हत्या करने के लिए विवेक के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहा था। विवेक के जेल से बाहर आते ही उसने पूरी प्लानिंग विवेक के साथ साझा की, जिस पर विवेक द्वारा जेल में बनाए गए गैंग के साथ इस वारदात को अंजाम दिया गया। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि विवेक बहुत ही शातिर बदमाश है। उसके खिलाफ लूट और धमकी देने के मुकदमे पहले भी कायम है। विवेक से गगनदीप की दोस्ती मोहकमपुर स्थित केमिकल फैक्ट्री में हुई थी। दोनो एक ही फैक्ट्री में काम करते थे। विवेक के जेल से बाहर आते ही गगनदीप ने सहज की हत्या करने की ठान ली थी। इस बारे में विवेक से पूरी प्लानिंग अपनी साझा की। विवेक ने गगनदीप को स्पष्ट रूप से कहा कि सीधे हत्या करेंगे तो फंस जाएंगे, बेहतर होगा पहले रंगदारी मांगेंगे, जिसके बाद सहज की हत्या कर देंगे। इससे किसी को शक भी नहीं होगा और हमारा काम भी हो जाएगा।

जेल में बना था नेटवर्क

इसके लिए विवेक ने गगनदीप से कहा कि इसके लिए मुझे अपने साथियों की आवश्यकता होगी, तभी यह घटना संभव है। जिस पर विवेक ने घटना के लिए सागर अहलावत, सोनू, मोनू और निखिल को राजी किया। इसके बाद सब की जिम्मेदारी बांटी गई। दो युवकों को मोबाइल लूट पर लगा दिया, बाकी को रंगदारी किस तरह से मांगनी है, कैसे घटना करनी है, इसके लिए तैयार किया गया। बता दें कि निखिल, सागर अहलावत, सोनू और मोनू, विवेक के साथ पहले जेल में बंद रहे हैं। यहां से ही इन्होंने अपना ने टवर्क खड़ा कर लिया था।