मेरठ (ब्यूरो)। होली का पर्व आ चुका है। हर्ष और उमंग के इस त्योहार के लिए शहरवासी तैयार हैं। वहीं, नगर निगम का दावा है कि शहरभर के होलिका स्थलों पर साफ-सफाई कराई गई है। यहीं नहीं, मोहल्लों में विशेष सफाई अभियान चलाकर गंदगी को दूर किया गया है। अब हकीकत इससे जुदा है। शहर के कुछ ही जगहों पर नगर निगम ने औपचारिकता के नाम पर चमका दिया है। कई मोहल्लों में अभी भी साफ-सफाई नहीं कराई गई है। इससे लोगों में भी खासी नाराजगी है।

सर्वे में जताई नाराजगी
शहर में साफ-सफाई को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया पर सर्वे कराया। इसमें फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, गूगल सर्वे के जरिए लोगों ने अपने विचार रखे। इसमें शहर के तकरीबन 123 लोगों ने भाग लिया। शहरवासियों ने कहा कि नगर निगम के साफ-सफाई के दावों और सच्चाई में जमीन आसमान का अंतर है।

लोगे बोले, सफाई हो तो दिखे
सोशल मीडिया पर सर्वे के दौरान शहरवासियों ने कहा कि निगम सफाई तो कराता है, लेकिन वह दिखती नहीं है। शहर के 75 फीसदी लोगों की राय है कि नगर निगम ने होलिका दहन स्थल की साफ-सफाई नहीं कराई है।

1- क्या नगर निगम ने होलिका दहन स्थलों की साफ-सफाई कराई है।
हां- 75 फीसदी
नहीं- 20 नहीं
पता नहीं- 5 फीसदी

2- क्या शहर के कुछ ही होलिका स्थल पर सफाई कराई गई है
हां- 60 फीसदी
नहीं- 30 फीसदी
पता नहीं- 10 फीसदी

3- क्या आपके मोहल्ले में दो शिफ्टों में सफाई कराई जाती है
हां- 40 फीसदी
नहीं- 40 फीसदी
पता नहीं- 20 फीसदी

त्योहार के मौके पर भी शहर में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है। पहले जैसी ही हालत बनी हुई है। गंदगी के ढेर पड़े हैं।
संजीव प्रधान

साफ-सफाई के दावे बेकार हैं। नगर निगम में बार बार करते हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं ।इसलिए कॉलोनी वालों ने प्राइवेट कर्मचारी लगवा लिए हैं।
आशू बंसल

रोजाना तो मोहल्लों की सफाई होती नहीं है। होली के त्योहार पर क्या होगी। मोहल्ले में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। इस पर किसी का ध्यान नहीं है।
सीमा

होली के त्योहार पर निगम को व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन निराश होने की बात है। इतने बड़े त्योहार पर साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। मेरी कॉलोनी में आज कूड़ा उठाने वाला नहीं आया है।
जूही चौहान

नगर निगम परिसर में तो खुद गंदगी और अतिक्रमण है। ऐसे में नगर निगम भला क्या सफाई करेगा।
लोकेश चंद्रा

नगर निगम के कर्मचारी साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। अधिकारी दावे करते हैं। वास्तव में सफाई के दावे जुबानी जमाखर्च है।
शैंकी वर्मा