मेरठ ब्यूरो। सड़कों की धूल को हटाने के लिए निगम ने पहल की थी, इसके लिए दो रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदी थीं। मकसद था कि इससे सड़क पर जमी धूल को साफ करेंगे, साथ ही एयर पॉल्युशन को भी कंट्रोल करेंगे। अब हालत यह है कि यही मशीन पर एयर पॉल्युशन को बढ़ा रहीं हैं। इससे शहर की आबोहवा खराब हो रही है।
धूल के लगा रहे ढेर
नियम है कि रोड स्वीपिंग मशीन से सड़कों पर जमी धूल को हटाया जाए, फिर इसके बाद एकत्र धूल को लोहियानगर डंपिंग प्लेस पर ले जाया जाए। पर हालत यह है कि रोड स्वीपिंग से धूल-मिट्टी को तो एकत्र कर रहे हैं कि लेकिन उसे डंपिंग ग्राउंड में डंप करने के बजाए शहर में अलग-अलग जगह ढेर बना रहे हैं। दरअसल, डीजल बचाने की फिराक में निगम कर्मचारी एयर पॉल्युशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
एनजीटी के नियम बेमानी
गौरतलब है कि एनजीटी का नियम है कि धूल-मिट्टी डस्ट के ढेर को खुले में न रखा जाए। बकायदा इसे कवर्ड किया जाए, ताकि यह न उड़े। ग्रेप मॉडल लागू होने के बाद रोड डस्ट का ढ़ेर खुले में लगाकर बेचने वालों पर खुद नगर निगम जुर्माना लगाता है। बावजूद इसके, दिल्ली रोड पर निगम के कर्मचारी ही रोड स्वीपिंग मशीन से निकलने वाली धूल-मिट्टी को डंप कर रहे हैं।
नहीं हो पा रही सफाई
नगर निगम के पास करीब 92 लाख रुपए कीमत की दो रोड स्वीपिग मशीनें हैं। इनको साल 2020 और 2021 में खरीदा गया था। इनमें से एक मशीन को दिल्ली रोड वाहन डिपो क्षेत्र में लगाया गया है, जबकि दूसरी मशीन सूरजकुंड डिपो क्षेत्र में रोड डस्ट की सफाई करती है। मशीन की खासियत है कि यह सड़क और डिवाइडर किनारे पड़ी धूल को सोख लेती है। इससे सफाई के दौरान धूल ना उड़े इसके लिए इसमें पानी का टैंक है। जो मशीन द्वारा खींची गई धूल को अंदर गीला कर देता है। साथ ही मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश धूल के साथ कचरे, छोटे ईंट-पत्थर को सड़क के बीच में लाते हैं। फिर सेक्शन के माध्यम से यह कचरा टैंक में पहुंच जाता है। लेकिन इस मशीन द्वारा एकत्र धूल मिटटी को एक जगह से एकत्र कर दूसरी जगह ढ़ेर लगाया जा रहा है।
दिल्ली रोड पर डंपिंग प्लेस
एक घंटे में यह मशीन आठ से दस किमी तक सड़क साफ करती है जिसके बाद नियमानुसार कचरे को लोहिया नगर डंपिग ग्राउंड में ले जाकर खाली करना होता है, लेकिन डीजल बचाने और लापरवाही के चलते दिल्ली रोड पर ही शहर की विभिन्न सड़कों से एकत्र की गई धूल मिटटी का ढ़ेर लगाया जा रहा है। दिल्ली रोड पर मेवला फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली रोड से एकत्र धूल मिटटी का ढेर लगाया जा रहा है। तेज हवाओं के दौरान यह डस्ट के ढेर उड़कर आसपास के मोहल्लों और दुकानों फैल जाते हैं जिससे दिल्ली रोड का एक्यूआई 280 से 300 के बीच बना हुआ है। वहीं, दिल्ली रोड पर रैपिड रेल का भी निर्माण कार्य चल रहा जिसके चलते इस रोड पर धूल मिट्टी की समस्य को और अधिक बढ़ा दिया है।

रोड स्वीपिंग मशीन से साफ सफाई के बाद एकत्र गंदगी को डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाता है। लेकिन एकत्र मिट्टी को हम रोड के गड्ढे भरने व अन्य प्रकार के निर्माण कार्यों में भी प्रयोग करते हैं। इसलिए कुछ जगह एकत्र किया जाता है।
- हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

डस्ट की समस्या शहर में अत्याधिक है। यदि निगम इस डस्ट को साफ करने के बजाए सही से डंप नही करेगा तो यह समस्या एक जगह से दूसरी जगह फैलेगी।
- भूषण शर्मा

डस्ट कहां डंप हो रही यह कोई नही देखता और ना ही नगर निगम बताता। डस्ट एकत्र करने के बाद सही निस्तारण होना चाहिए। दिल्ली रोड पर पहले से ही बहुत धूल मिट्टी है अब निगम में यहां ढ़ेर लगा रहा है।
- बिजेंद्र सैनी

निस्तारण के नाम पर ना तो कूड़े का निस्तारण सही हो रहा है और ना ही साफ सफाई सही हो रही है। अब इस प्रकार डस्ट का भी निस्तारण गलत किया जा रहा है।
- अमित बंसल