मुख्यमंत्री से रूबरू हुए उद्यमियों ने उठाई उड़ान व खेल विवि की भी मांग

परतापुर कताई मिल की 90 एकड़ जमीन का मूल्यांकन करेगी नई एजेंसी

Meerut : 2018 में लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों ने सूबे में उद्योग लगाने में खूब दिलचस्पी दिखाई थी। मेरठ में करीब आठ सौ करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू साइन किए गए। जमीन नहीं मिलने पर बड़े निवेशकों ने इरादा बदल लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में उद्यमियों की यही टीस नजर आई। उद्यमियों ने परतापुर कताई मिल को औद्योगिक प्लाट घोषित करने की मांग दोहरा दी। उद्यमियों ने कहा कि कताई मिल के 90 एकड़ क्षेत्रफल में ढाई सौ इकाइयां लग सकती हैं। निवेशकों को सस्ती जमीन भी मिल जाएगी। सरकार ने एक सर्वे एजेंसी को कताई मिल का मूल्यांकन के लिए कहा है।

जारी होंगे कई शासनादेश

सीएम योगी ने सोमवार को प्रदेश के उद्यमियों से संवाद किया। उन्होंने प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए दी जा रही सहूलियतों की जानकारी दी। बड़ी संख्या में निवेशक अलग-अलग शहरों में जमीन देख रहे हैं। उद्यमियों की दिक्कतों को प्रशासन सुलझा रहा है। इस बीच मेरठ के उद्यमियों को अपनी बात रखने का मौका मिला। आईआईए के पूर्व चेयरमैन अतुल भूषण गुप्ता ने सबसे पहले परतापुर कताई मिल को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की मांग उठाई। यहां पर मदर यूनिट समेत सैकड़ों इकाइयां लगाई जा सकती हैं। उन्होंने 30 एकड़ जमीन पर प्राइवेट औद्योगिक क्षेत्र बनाने संबंधी शासनादेश जारी करने, वेयरहाउस और गोदामों को उद्योगों का दर्जा देने, शमन समाधान योजना में औद्योगिक क्षेत्रों को शामिल करने व स्टांप ड्यूटी में छूट करने की भी मांग उठाई गई। उद्यमियों ने कहा कि मेरठ से कानपुर, लखनऊ और प्रयागराज के लिए हवाई उड़ान से उद्योगों को बड़ी रफ्तार मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी ने भरोसा दिया कि जल्द ही कई शासनादेश जारी किए जाएंगे। नेटवर्क कनेक्टिविटी कमजोर होने से बातचीत में कई बार बाधा आई।

सर्वे एजेंसी देगी सीएम को रिपोर्ट

तीन साल पहले परतापुर कताई मिल को औद्योगिक प्लाट में बदलने की कवायद हुई थी। नामित एजेंसी ने मूल्यांकन रिपोर्ट डीएम को दी थी। हालांकि यह कवायद आगे नहीं बढ़ी। बाद में कताई मिल में खेल विवि खोलने की मांग उठी। यूपीएसआईडीसी के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने कताई मिल के मूल्यांकन के लिए एक टीम बनाई है। माहभर में रिपोर्ट शासन के पास भेजी जाएगी। सूत निगम और यूपीएसआइडीसी के बीच भी फाइलों का आदान प्रदान होगा। मिल की 90 एकड़ जमीन के पास कई उद्योग चल रहे हैं। पास में एयर कनेक्टीविटी की संभावना है। ऐसे में बड़े निवेशक आकíषत हो सकते हैं।

सीएम योगी ने मेरठ को लेकर कोई विशेष बात नहीं कही, लेकिन मुद्दों को ध्यान से सुना। औद्योगिक जमीन की उपलब्धता से लेकर कई नए शासनादेशों का इंतजार है। इससे उद्योग लगाना आसान होगा।

अतुल भूषण गुप्ता, पूर्व चेयरमैन, आईआईए

निजी औद्योगिक क्षेत्र की सीमा अब 130 से घटाकर 30 एकड़ कर दी गई है। वेयरहाउस को उद्योग घोषित कर दिया गया, लेकिन दोनों का शासनादेश जारी नहीं हुआ। निजी औद्योगिक क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल कर मेंटेनेंस कराने की बात उठाई गई।

अंकित सिंघल, सचिव, आईआईए