मेरठ (ब्यूरो)। रोजाना शहर से निकलने वाला 800 से 900 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण अब नगर निगम के लिए समस्या बनता जा रहा है। बने भी क्यों नकूड़ा निस्तारण के लिए लगाई गई कंपोस्टिंग यूनिट से लेकर होम कंपोस्टिंग और कूड़ा निस्तारण यूनिट जैसी लाखों की मशीनें केवल शोपीस जो बनकर रह गई हैं। इसी का नतीजा है कि मंगतपुरम और लोहियानगर में कूड़ा का पहाड़ बढ़ता जा रहा है। हालात देखकर कहा जा सकता है कि इंतजाम तो सारे हैैं, पर कूड़ा निस्तारण नहीं होताबड़ी मुश्किल है!

32 लाख की यूनिट
गौरतलब है कि साल 2019 में नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए बच्चा पार्क रेन बसेरा परिसर में 32 लाख रुपये की कूड़ा निस्तारण यूनिट लगाई थी, जो आज ठप पड़ी है। इस मशीन का खुद तत्कालीन नगरायुक्त अरविंद चौरसिया के समय में लगाया गया था। इस यूनिट के जरिए रोजाना आसपास से एकत्र होने वाले कूड़े को जलाकर नष्ट किया जाना था।

गांवडी में कूड़ा निस्तारण नहीं
किला रोड पर गांवड़ी डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के लिए लगाई गई बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन जंग खा रही है। दरअसल, यहां फ्रेश कूड़े के निस्तारण की योजना बनाई गई थी। लेकिन अभी तक गांवडी में फ्रेश कूड़ा नहीं डाला जा रहा है। जिस कारण से यहां कूड़ा निस्तारण के लिए लगाई गई बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन जंग खा रही है।

वर्मी कंपोस्ट यूनिट बंद
इसके अलावा बुढ़ाना गेट धर्म धर्मेश्वर महादेव मंदिर परिसर में सात लाख रुपये की कूड़ा निस्तारण यूनिट लगाई थी, जो आज तक शोपीस बनी हुई है। वहीं कमिश्नरी, कैलाश प्रकाश स्टेडियम, चौधरी चरण सिंह विवि समेत करीब 150 स्थानों पर वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाई गईं थी, वो भी ठप पड़ी हैं।

लोहियानगर में इंटरचेंज अटका
वहीं लोहियानगर में बढ़ रहा कूड़ा का पहाड़ अब शहर के विकास में भी बाधा बनने लगा है। लोहियानगर में इस कूड़े के ढेर के कारण नेशनल हाईवे 235 से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पांचवे चरण का कार्य अधर में अटका हुआ है। क्योंकि लोहियानगर में जहां कूड़े का पहाड़ है, वहीं इंटरचेंज बनना है। एनएचएआई ने इस पहाड़ को हटाने के लिए नगर निगम को कई बार चि_ी भी लिखी है, लेकिन निगम को नहीं सूझ रहा कि आखिर 92 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण कैसे किया जाए।

कूड़े की दुर्गंध से परेशानी
साथ ही मंगतपुरम में भी कूड़े का पहाड़ पिछले 10 साल से सजा हुआ है। इस कारण से दिल्ली रोड की खूबसूरती बिगड़ रही है और आसपास के क्षेत्रों तक लगातार पहुंचने वाली कूड़े की दुर्गंध से लोग बेहद परेशान हो चुके हैैं।

कूड़ा निस्तारण के लिए हर साल योजनाएं बनाई जाती हैं और फिर लाखों रुपये खर्च कर मशीनें लाई जाती हैं लेकिन इनका उपयोग ही नहीं किया जाता।
सिद्धांत

कूड़े कू बदबू के कारण मंगतपुरम और लोहियानगर के आसपास रहना अब मुश्किल होता जा रहा है। यहां कूड़े के पहाड़ का निस्तारण कब होगा, नहीं पता।
सचिन

कूड़ा बीमारियों और उससे उठने वाली बदबू सिरदर्द का सबब बनती जा रही है। बच्चा पार्क पर लगाई गई कूड़ा निस्तारण यूनिट आज तक ठप पड़ी है।
अंकित

कूड़ा निस्तारण के लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है। गांवडी में फ्रेश कूड़ा जल्द पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। इससे लोहियानगर का भार कम होगा।
हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी