पवन, सचिन भाटी और करणपाल सिंह तीनों चल रहे थे डेढ़ साल से वांटेड

तीनों पर नोएडा पुलिस ने घोषित कर रखा था 50-50 हजार का इनाम

पवन व सचिन को नोएडा और करणपाल को गाजियाबाद से एसटीएफ ने दबोचा

Meerut। करीब 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक संजय भाटी के भाई सचिन भाटी और पवन भाटी तथा डायरेक्टर करणपाल सिंह को एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया। तीनों से पूछताछ के बाद यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने उन्हें जेल भेज दिया।

चल रहे थे वांटेड

एसटीएफ मेरठ के सीओ ब्रिजेश सिंह और नोएडा के सीओ राजकुमार मिश्रा तथा ईओडब्ल्यू के एएसपी राम सुरेश यादव ने संयुक्त रुप से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बाइक बोट घोटले के मुख्य आरोपित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक संजय भाटी के भाई सचिन भाटी और पवन भाटी को नोएडा के नैनसुख गेट के पास सफेद रंग की कार से गिरफ्तार कर लिया। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की टीम दोनों का पीछा कर रही थी। दोनों डेढ़ साल से फरार चल रहे थे और उन पर नोएडा पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। दोनों से पूछताछ में पता चला कि कंपनी के निदेशक करणपाल सिंह भी दोनों से मिलने के लिए नोएडा आ रहे हैं। उसके बाद मेरठ एसटीएफ की टीम ने करणपाल सिंह का पीछा किया। जिसके बाद करणपाल को गाजियाबाद की हापुड़ चुंगी के पास ऑटो से उतरते ही उसे गिरफ्तार कर लिया।

तीनों को भेजा जेल

करणपाल सेना से रिटायर्ड नायक पद पर तैनात रह चुका है। उसके बाद उसने बाइक बोट में ज्वॉइ¨नग की थी। उसके अच्छे काम को देखते हुए कंपनी ने उसे डायरेक्टर बना दिया था। करणपाल पर भी नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। साथ ही सचिन भाटी निवासी रामेश्वर पार्क लोनी गाजियाबाद और पवन भाटी निवासी ग्राम चीती थाना दनकौर नोएडा संजय भाटी का पूरा काम देखते थे। लोगों को डराने धमकाने के काम में संजय भाटी दोनों भाईयों की सेवा लेता था। ईओडब्ल्यू ने तीनों की गिरफ्तारी दिखाने के बाद जेल भेज दिया है। एएसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है। एएसपी का कहना है कि बाइक बोट घोटाले में बाइक के साथ गोपनीय स्थान पर छिपाई गई मर्सडीज की भी तलाश की जा रही है।

3500 करोड़ की ठगी की

ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर के एएसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि सबसे पहले बाइक बोट कंपनी के घोटाले के 57 मुकदमे नोएडा के अलग-अलग थानों में दर्ज हुए थे। इन मुकदमों की पूर्व में जांच नोएडा पुलिस ने की। शासन ने 14 फरवरी 2020 को सभी मुकदमों की विवेचना ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के संचालक-निदेशक संजय भाटी और 19 आरोपियों ने यह कंपनी पंजीकृत कराकर बाइक बोट स्कीम में अलग-अलग जिलों व राज्यों में फ्रेंचाइजी बनाकर लोगों से करीब 3500 करोड़ की ठगी की। इस घोटाले के सभी आरोपियों की धरपकड़ को ईओडब्ल्यू की टीम लगी हुई है।