मेरठ (ब्यूरो)। प्रायोरिटी सेक्शन में ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी तेज़ी से चल रहा है। अब तक वायाडक्ट पर 75 प्रतिशत से ज्यादा ओवर हेड इक्विपमेंट के इंस्टॉलेशन का काम पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि अक्टूबर माह में वायाडक्ट का निर्माण पूर्ण कर लिया गया था। इसके बाद ओएचई के इंस्टॉलेशन का कार्य आरंभ किया गया था। वर्तमान में यह कार्य तीन चौथाई से ज्यादा पूर्ण हो चुका है। इसके अंतर्गत आरआरटीएस ट्रैक के ऊपर लगाए जा रहे ओएचई का, 25000 वोल्ट की क्षमता के साथ चार्ज किया जाएगा। प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया है।

डायनेमिक व स्टेटिक टेस्टिंग

ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा होने के साथ ही एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस के क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम पड़ाव पार कर लिया है। प्रायोरिटी सेक्शन में ट्रायल रन की तैयारियां युद्धस्तर पर की जा रही हैं। इस पूरे सेक्शन में में 5 स्टेशन हैं- साहिबाबाद, गाजिय़ाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। वर्तमान में, प्रायोरिटी सेक्शन के स्टेशनों पर एस्कलेटर्स और लिफ्ट्स के इंस्टालेशन का कार्य किया जा रहा है। साथ ही इन सभी स्टेशनों की फिनिशिंग करके इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्री सुविधाओं और काउंटर्स का निर्माण भी अंतिम चरण में है। आरआरटीएस की 4 ट्रेनें दुहाई डिपो पहुंच चुकी हैं तथा वर्तमान में, उनकी विभिन्न डायनेमिक और स्टेटिक टेस्टिंग की जा रही है।

सिग्नलिंग टेस्टिंग शुरू की

एनसीआरटीसी ने एलटीई कम्युनिकेशन नेटवर्क पर यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल 2 सिग्नलिंग प्रणाली के साथ आरआरटीएस ट्रेनसेट की डायनेमिक टेस्टिंग भी की है। एनसीआरटीसी ने प्रायोरिटी सेक्शन में अगले वर्ष मार्च 2023 में तथा पूरे कॉरिडोर पर वर्ष 2025 में आरआरटीएस ट्रेनें संचालित करने का लक्ष्य रखा है।