पांचली खुर्द में शिफ्टिंग के प्रस्ताव से ट्रांसपोर्टर्स नाखुश

पिछले सात सालों से एमडीएम कर रहा प्रयास, हर बार होता है विवाद

Meerut। ट्रांसपोर्ट नगर इस समय शहर की यातायात व्यवस्था के लिए नासूर बन चुका है। इसे शहर से बाहर शिफ्ट करने का पिछले सात साल से प्रयास किया जा रहा है। मगर आज तक ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट नहीं किया जा सका, क्योंकि हर बार मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की इस योजना के परवान चढ़ने से पहले ही विवाद खड़ा हो जाता है।

जाम बना शिफ्टिंग का कारण

1980 में जब आवास-विकास ने इसे यहां बसाया था तो वाहनों का इतना लोड नहीं था और न ही इतनी ज्यादा दुकाने थी। मगर अब यहां करीब ढाई हजार दुकाने हैं, जबकि आवासीय कॉलोनियां भी विकसित हो गई हैं। वाहनों का लोड इतना बढ़ गया है कि ट्रांसपोर्ट नगर के दोनों गेट यानी दिल्ली रोड गेट और बागपत रोड गेट पर रोजाना लंबा जाम लग रहता है। दिल्ली रोड पर जाम की वजह केवल ट्रांसपोर्ट नगर नहीं, बल्कि नवीन मंडी भी है। जिससे दिल्ली पर रोजाना ट्रैफिक की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। वहीं बढ़ते ट्रैफिक की वजह से दिल्ली रोड पर हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का प्लान एमडीए ने फाइनल किया है। मगर इस प्लान पर विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि ट्रांसपोर्टर एमडीए के प्लान से नाखुश हैं।

2013 से जारी कवायद

गौरतलब है कि एमडीए ने 2013 में बागपत रोड पर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर स्कीम को लांच किया था। पांचली खुर्द में प्राधिकरण ने 38.9260 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण के लिए चिन्हित भी किया था। इतना ही नहीं, भू-अधिग्रहण नीति के तहत एमडीए ने भूमि का अधिग्रहण करने के लिए एडीएम कार्यालय में 15 करोड़ रुपये भी जमा करा दिए थे। मगर इसी बीच ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के नाकारात्मक रुख से योजना खटाई में पड़ गई थी। गत वर्ष एक बार फिर पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को बसाने की कवायद तेज हुई और न्यू ट्रांसपोर्ट नगर के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण भी हो गया। मगर अब ट्रांसपोर्टर का आरोप है कि निजी फायदे के चलते एमडीए के आला अधिकारियों ने वह जमीन सस्ते दाम पर पहले बिल्डरों को दिला दी और अब बिल्डरों से ही मंहगे दाम पर जमीन ट्रांसपोर्टर को दी जाएगी।

जरा समझ लें

दरअसल, 2013 में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की लांचिंग के साथ ही मेरठ के कुछ बिल्डर्स ने बड़े मुनाफे के चलते पांचली खुर्द में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त कर ली थी। इनमें आधा दर्जन ऐसे बड़े बिल्डर हैं, जिन्होंने यहां पर बड़ा इंवेस्टमेंट किया था। ऐसे में एक बार फिर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की फाइल खुलने से बिल्डर्स ने राहत की सांस ली है। कुछ बिल्डर्स ने एमडीए अधिकारियों से मिलकर उन्हें योजना में भागेदारी का प्रस्ताव भी दे दिया है। हालांकि वहीं प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि वे पांचली खुर्द में मूल मालिक से ही जमीन की खरीद करेंगे। करीब 97 खसरों की जमीन अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई है, जिस पर 100 किसान काबिज हैं।

मुश्किल है डगर

शहर के पुराने उद्योगों की स्थिति पर नजर डालें तो पुराने उद्योगों को शहर से बाहर निकालने की कवायद पूरी तरह से सफल नहीं हो सकी है। सूरजकुंड से स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को बाहर निकालने के लिए स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स, मेजर ध्यानचंद्र नगर, मोहकमपुर को एमडीए ने विकसित किया था, मगर अभी तक स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को पूरी तरह से शिफ्ट नहीं किया जा सका है। लोहियानगर में कैंची क्लस्टर तो बन गया किंतु यहां शहर का प्रसिद्ध कैंची कारोबार शिफ्ट नहीं हुआ। इसी तरह बुनकर (पावरलूम) कारोबारियों ने रियायती दरों पर लोहियानगर में प्लॉट तो ले लिए किंतु प्रोडक्शन आज भी लिसाड़ी गेट की तंग गलियों में हो रहा है। ऐसे में एक ओर न सिर्फ शहर से उद्योग को बाहर निकालने की मंशा पर पानी फिरता है बल्कि प्राधिकरण की रकम भी फंसती है।

यह हैं शिफ्टिंग में समस्याएं

अगर कोई ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जाता है तो वह सभी कनेक्टेड रोड को जोड़ता हुआ होना चाहिए। जैसे गढ़ रोड, हापुड रोड, दिल्ली रोड, सहारनपुर रोड और पानीपत रोड आदि। मगर पांचली केवल पानीपत रोड से जुड़ा हुआ है।

पांचली के आसपास काफी स्कूल और कॉलेज हैं, जिसकी वजह से आए दिन कोई न कोई दुर्घटना होने की संभावना बनी रहेगी।

पांचली में जितनी भी जमीन है, वह किसी किसान की नहीं है, वहां के भू-माफियाओं की जमीन है। इन भू-माफियाओं ने किसानों से 200 रूपये प्रति गज के भाव से जमीन खरीदी हुई है। जिसे वह एमडीए उपाध्यक्ष के साथ मिलकर गरीब ट्रांसपोर्टर्स को 40 हजार प्रति गज में बेचना चाहते हैं।

ट्रांसपोर्टर पहले ही मंदी की मार झेल रहा था और फिर कोरोना काल के चलते ट्रांसपोर्टरों का व्यापार खत्म हो चुका है। स्थिति ऐसी हो चुकी है कि ट्रांसपोर्टर अपना व्यापार स्थानांतरित नहीं कर सकता।

पांचली जाने के लिए बागपत रोड बाईपास से पुल के नीचे आने और जाने का रास्ता बहुत संकीर्ण है। अभी भी कई बार वहां पर जाम लगा रहता है। पांचली में ट्रांसपोर्ट नगर बनने की स्थिति में मेरठ बाईपास पर जाम की स्थिति बनी रहेगी।

ये हैं ट्रांसपोर्टर्स की मांगें

ट्रांसपोर्टर्स के साथ विचार-विमर्श कर उनकी सुविधा देखते हुए स्थानांतरण के लिए बातचीत कर प्रस्ताव तैयार किया जाए। जिससे कि ट्रांसपोर्टर सुरक्षित व किफायती जमीन खरीद सकें और अपना कारोबार कर सकें।

पांचली छोड़ किसी और विकल्प के बारे में भी एमडीए उपाध्यक्ष को सोचने के लिए कहा जाए।

हमें एमडीए के प्रस्ताव से कोई परेशानी नही है केवल हमारी मांग है कि इस प्रस्ताव का फाइनल करने से पहले हम लोगों से भी सलाह ली जाए और हमारी मांगों पर भी विचार हो उसके बाद ही शिफ्टिंग होनी चाहिए।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन