मेरठ,(ब्यूरो)। मॉक ड्रिल में देखा गया कि मेडिकल कॉलेज में साढ़े पांच मिनट में मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। मरीजों को वेंटिलेटर पर सुरक्षित तरीके से ले जाने की भी पड़ताल की गई। मरीज के ब्लड प्रेशर की जांच से लेकर ऑक्सीजन और वेंटिलेेटर सपोर्ट देने की तैयारियों को भी परखा गया।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
कोरोना की नई लहर और ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट है। शुक्रवार को प्रदेश के कई शहरों में ओमिक्रोन के इलाज की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिले के चार चिकित्सालयों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की देखरेख में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सुभारती और सीएचसी सरधना में मॉक ड्रिल हुई।

जिला अस्पताल में मिली कमियां
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डॉ। अखिलेश मोहन और मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ। अशोक तालियान शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ। हीरा सिंह के निर्देशन में मॉक ड्रिल कराई गई। इस दौरान कई कमियां भी नजर आईं, जिसे तत्काल ठीक करने का निर्देश दिया गया। कोविड वार्ड, वेंटिलेटर, ऑपरेशन थिएटर, पीडियाट्रिक यूनिट और बेड का निरीक्षण किया गया। मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने मॉक ड्रिल को परखा। कोविड नोडल अधिकारी डॉ। धीरज राज, बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ। विजय जायसवाल, बच्चों के कोविड अस्पताल के नोडल प्रभारी डॉ। नवरत्न और प्रोफेसर डॉ। तुंगवीर आर्य भी शामिल रहे।

जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांटों को चालू कर परखा जा चुका है। आइसोलेशन, आईसीयू, पीडिया आईसीयू और वेंटिलेटरों की संख्या पर्याप्त है।
- डॉ। अखिलेश मोहन, सीएमओ