मेरठ ब्यूरो। सीसीएसयू सहित अन्य विभिन्न यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को वैदिक गणित तो पढऩे को मिल ही रहा है। अब इसके साथ जैन, बौद्ध धर्म और आदिवासी गणना पद्वति का भी अध्ययन करने को मिलेगा। ऐसे में विभिन्न राज्यों के आदिवासियों की गणना कोर्स में शामिल करने की तैयारी है। ऐसी पद्वति को जोड़कर वैदिक गणित तो भारतीय गणित का रूप दिया जाएगा। इससे पांडुलिपियों और खगोलशास्त्र से जुड़ी गणना को भी स्टूडेंट्स के लिए समझना आसान होगा ऐसा माना जा रहा है। विभिन्न राज्यों को किया जाएगा समाहित केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, यूपी विभिन्न राज्यों के आदिवासियों को गणना को पद्वति को कोर्स में समाहित करने की तैयारी है। इस तैयारी के लिए बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में देशभर के गणित विद्वानों का तीन दिवसीय सेमिनार हुआ और नए अध्ययनों पर मंथन किया गया है।

इसमें शामिल होकर लौटे सीसीएसयू के गणित विभागाध्यक्ष प्रो। शिवराज सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब यूनिवर्सिटी ने वैदिक गणित का कोर्स 90 प्रतिशत तैयार कर लिया है। बोर्ड ऑफ स्टडीज की में यह पूरा कोर्स रखा जाएगा। मुहर लगने के बाद यूनिवर्सिटी में वैदिक गणित में एमएससी शुरू करने वाला देश का पहला यूनिवर्सिटी बन जाएगा। ये रहे थे मीटिंग में मौजूद उन्होंने बताया कि अभी बीते दिनों ही शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली और बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी के संयुक्त तत्वाधान में यह सेमिनार हुआ था। जिसमें वो मेरठ सीसीएसयू को प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जिसमें डॉ। कैलाश विश्वकर्मा, डॉ। श्रीराम, डॉ। राकेश, डॉ। इंद्राणी, डॉ। कोमल, डॉ। सोनिया गुप्ता के अलावा कई राज्यों से आदिवासी गणित विद्वान शमिल हुए थे। इस दौरान विद्वानों ने कहा वैदिक गणित के साथ जैन, बौद्ध, और आदिवासियों की गणना पद्वति को शामिल कर भारतीय गणित विषय बनाना चाहिए। कोई भी कर सकेगा पीजी प्रो। शिवराज सिंह ने बताया कि अब ऐसा नहीं होगा कि गणित से इंटर अथवा यूजी करने वाला ही वैदिक गणित में पीजी करेगा। तय हुआ है कि किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स वैदिक गणित का यह कोर्स पीजी में कर सकेगा। दूसरी स्ट्रीम से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए समान्य कोर्स होगा और गणित से आने वालों के लिए कोर्स एडवांस होगा ऐसा तय किया गया है। बहुत ही अच्छा होने जा रहा है, यह एक नया अनुभव होगा जो हमें मिलेगा। पीजी में यह कोर्स मुझे भी करना है। भावना यकीनन यह कोर्स आने से स्टूडेंट्स की रूचि इसमें बढ़ेगी, इसमें पीएचडी भ्ीा हो यह भी मांग स्टूडेंट्स कर रहे हैं। हर्ष जब भी कुछ नया आता है तो उसे पढऩे की रूचि स्टूडेंट्स में बढ़ती है। अपनेआप में बहुत ही नॉलेज देने वाला कोर्स होगा। उदित