दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीज भी अप्रत्यक्ष रूप से खासे प्रभावित

हíनया, किडनी, मोतियाबिंद आदि के मरीज सर्जरी टल जाने से परेशान हैं

Meerut। कोरोना वायरस सिर्फ मरीजों को ही संक्रमित नहीं कर रहा है बल्कि दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीज भी अप्रत्यक्ष रूप से इससे प्रभावित हो रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हíनया, किडनी, मोतियाबिंद आदि के मरीज सर्जरी टल जाने से परेशान हैं। स्थिति ये है कि अप्रैल से अब तक जिले में ऐसे ही करीब 20 हजार ऑपेरशन होल्ड हो गए हैं।

गिने-चुने ऑपरेशन

कोरोना काल में अधिकतर प्राइवेट व सरकारी अस्पताल कोविड-19 अस्पतालों में तब्दील हो गए हैं। यहां अब सिर्फ कोरोना के मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर कोरोना कंट्रोल में इंगेज होने की वजह से डॉक्टर्स बमुश्किल इमरजेंसी ऑपरेशन ही कर पा रहे हैं। इसकी वजह से दूसरी बीमारियों के मरीजों को वेटिंग का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति ये है कि पहले जहां दिन भर में 500 से 700 ऑपरेशन हो रहे थे, वहां अब सिर्फ गिने-चुने ऑपरेशन इमरजेंसी में ही किए जा रहे हैं।

डिलीवरी पर असर

सरकारी अस्पतालों में होने वाली डिलीवरी पर भी कोरोना का व्यापक असर पड़ा है। इन अस्पतालों के कोविड-19 में बदल जाने के बाद लगभग 80 प्रतिशत डिलीवरी यहां कम हो गई है। महिला अस्पताल में पहले हर दिन 55 से 65 डिलीवरी होती थी, लेकिन अब 10 से 15 डिलीवरी ही रोजाना हो पा रही हैं। यही हाल मेडिकल कॉलेज का है। यहां भी करीब 70 प्रतिशत डिलीवरी कम हो गई हैं।

नहीं हो रहे ऑपरेशन

अस्पतालों में ऐसे सभी ऑपरेशन होल्ड किए जा रहे हैं। जिनकी डेट आगे बढ़ाई जा सकती है। इसमें ईएनटी, हड्डी, हíनया, मोतियाबिंद, पथरी, तालू, ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट, हार्ट से संबंधित ऑपरेशन और दांत आदि की सर्जरी शामिल है। डॉक्टर्स का कहना है की इन ऑपरेशंस को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है।

अस्पतालों की ओपीडी बंद है। ऐसे सभी ऑपरेशन जिन्हें बाद में किया जा सकता है उनको टाल दिया गया है।

डॉ। कौशलेंद्र सिंह, एमएस, जिला अस्पताल

अस्पताल में कोविड-19 मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। ओपीडी भी बंद है। अधिकतर स्टाफ कोरोना के चलते ड्यूटी में ही लगा हुआ है। ऐसे में इलेक्टिव सर्जरी को रोक दिया गया है।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज