-कॉलेज इमरजेंसी में तीन दिन पहले सामने आया था प्रकरण

-कूड़े में मिला था शव, उजागर हुई थी डॉक्टर की लापरवाही

-जांच रिपोर्ट पर रेजीडेंट डॉक्टर व गार्ड को किया सस्पेंड

Meerut : मेडिकल कॉलेज के कूड़े के ढेर में मरीज की लाश को फेंकने वालों पर कार्रवाई हो गई है। मानवता को तार-तार करने वाली इस घटना के संज्ञान के आने के बाद ही कॉलेज प्रशासन पर कार्रवाही को लेकर दबाव बना हुआ था। प्रकरण में तीन विभागाध्यक्ष डॉक्टर की जांच पर मेडिकल प्रिंसिपल ने ये निर्देश जारी किए।

जरा गौर करें

मेडिकल कॉलेज में सोमवार को डॉक्टर्स के कृत्य ने मानवता को शर्मसार कर दिया था। लावारिस हालात में भर्ती हुए व्यक्ति की मौत के बाद उसका शव कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया था। शव को कुत्ते नोच रहे थे, तभी मेरठ कॉलेज के स्टूडेंट्स ने शव को देखकर हंगामा कर दिया। स्टूडेंट्स के गुस्से को देखकर प्रिंसिपल ऑफिस छोड़कर चले गए। घंटों हंगामे के बाद प्रिंसिपल को वापस आना पड़ा था। उन्होंने अपनी गलती पर हाथ जोड़कर न सिर्फ माफी ही नहीं मांगी थी। बल्कि शव को कूड़े के ढेर पर फेंकने वाले स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन भी दिया था।

जांच टीम ने सौंपी रिपोर्ट

गुरुवार को मामले में गठित जांच कमेटी के डॉ। सुधीर राठी एचओडी सर्जरी, डॉ। ज्ञानेश्वर टांक एचओडी आर्थाेपेडिक व डॉ। अमित उपाध्याय बाल रोग विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट प्रिंसिपल केके गुप्ता को सौंपी। इसमें डॉ। संतोष कुमार जूनियर रेजीडेंट व गार्ड विकास कुमार की लापरवाही सामने आई। इस पर प्रिसिंपल ने दोनों को निलंबित कर दिया है।

जानकारी नहीं दी

जांच टीम को बताया गया कि मेडिकल कॉलेज के आईटी वार्ड में राम गोपाल निवासी एटा को गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था। रामगोपाल की हालत सुधरी तो वह स्वेच्छा से अस्पताल से चला गया। जबकि इससे पहले उसने डॉ। संतोष कुमार को अपने बारे में जानकारी दी। वहीं डॉ। संतोष ने ये जानकारी न तो पुलिस को दी और न ही विभागाध्यक्ष डॉ। टीवीएस आर्या को। बाद में उसकी किसी वजह से मौत हुई और शव कूड़े पर मिला। तैनात गार्ड विकास कुमार को भी लापरवाही का दोषी पाया गया।

बुधवार को हो सका पोस्टमार्टम

कूड़े के ढ़ेर में पड़े मृत रामगोपाल की बेशक शिनाख्त हो गई, किंतु उसका कोई भी परिजन मोर्चरी तक नहीं पहुंचा। बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस ने अंतिम संस्कार कराया था।

जांच रिपोर्ट की बिना पर ड्यूटी डॉक्टर संतोष कुमार और गार्ड विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने विभाग में लावारिश मरीजों पर नजर रखें।

प्रो। केके गुप्ता

प्रिंसिपल, एलएलआर मेडिकल कॉलेज