- फिजिकल एजुकेशन एंड स्पो‌र्ट्स में शुरू होंगे बेचलर और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्सेज

Meerut। 21 जून को विश्व योग दिवस के जरिए पूरी दुनिया में योग का महत्व बताने के बाद अब इसे पढ़ाई और प्रोफेशन से जोड़ने की तैयारी है। योगा में अब यूजी व पीजी लेवल पर भी स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए यूजीसी ने सलेबस जारी कर दिया है। यूजीसी ने जारी सलेबस में फिजियोथेरेपी को शामिल किया है। जिससे कहीं न कहीं योग को बढ़ावा मिलेगा यूजीसी का ऐसा मानना है।

कमेटी करेगी तय

यूजीसी ने सिलेबस भी जारी कर दिया है। इसमें फिजियोथेरेपी को शामिल किया गया है। स्नातक में बीपीटी चार साल का कोर्स होगा। जिसमें आठ सेमेस्टर होंगे। वहीं परास्नातक में एमपीटी दो साल का कोर्स होगा, जिसमें चार सेमेस्टर होंगे। इस संबंध में अध्ययन कर जल्द ही यूनिवर्सिटीज की कमेटी को फैसले लेने के लिए भी कहा गया है।

छात्र सीखेंगे बारीकी

इन कोर्स से भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक अहम हिस्सा योग को छात्र बारीकी से सीखेंगे। इसके साथ ही इसको एक प्रोफेशन के रूप में लेंगे। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को इसे लागू करने के लिए निर्देशित किया है। साथ ही इन कोर्स को संबंद्ध कॉलेजों में भी लागू किया जाए।

जानेंगे योगा की फिलास्पी

बीपीटी कोर्स के सिलेबस में योग की बेसिक चीजें यानी फाउंडेशन कोर्स के बारे में पढ़ाया जाएगा। योगा की फिलास्फी एप्लीकेशन ऑफ योगा जैसे विषय होंगे जिनको थ्योरी और प्रैक्टिकल के जरिए पढ़ाया जाएगा। एमपीटी में माइंड बॉडी मेडिसिन एंड साइको न्यूरोम्यूनोलॉजी, साइको फिजियोलॉजी योगा थेरपी के बारे में पढ़ाया जाएगा। यूजीसी ने इसके लिए सिलेबस जारी करने के साथ ही किस यूनिट में क्या पढ़ाया जाएगा, सारी सामग्री जारी की है। यूनिवर्सिटीज की सहमति से यह सभी केंद्रीय और राज्य यूनिवर्सिटीज में लागू किया जाएगा।

योग को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा। इस संबंध में यूजीसी ने निर्देश जारी किए हैं। इससे ऐसे स्टूडेंट्स जो यूजी व पीजी लेवल पर योग में पढ़ना चाहते हैं। उनको बहुत फायदा मिलने वाला है।

-प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएस यूनिवर्सिटी