-सूबे के जेल मंत्री ने कैदियों की स्थिति पर जताई चिंता

-कहा, जेल में बंद कैदियों को मिलेगा मानव अधिकार

Meerut : मंगलवार को सर्किट हाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए कारागार मंत्री बलवंत सिंह अहलूवालिया ने कैदियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गोदाम में पड़ा सामान नहीं हैं कैदी, कानून ने बेशक उन्हें जेल चाहरदीवारी में बंद किया हो, लेकिन उनके मानव अधिकारों पर एक लकीर तक नहीं खींची। जेलों में बंद कैदियों को उनके मानव अधिकार दिलाने का काम सूबे की सरकार कर रही है।

इंसान की तरह दें संबोधन

कहा कि मंत्री बनने के बाद आत्मा की आवाज से पूछा कि 'मैं किस विभाग का मंत्री हूं, इन दीवारों का जेल बंदियों का। तय किया कि कैदियों के मानव अधिकार के लिए काम करूंगा.' जेलों में बंद महिलाओं को बहन, बेटी, मां की तरह संबोधन दिया, जो उन्हें पहले कभी नहीं मिला होगा। सीएम अखिलेश यादव के निर्देशन में जेलों में खाना और पानी मुकम्मल किया जा रहा है। कैदियों को जेल में अच्छा खाना, पीने के लिए आरओ का पानी, टाइम में मुलाकातें और पैरोल मिलेगी।

जेलों में लगेंगे जैमर

रामूवालिया ने बताया कि जल्द ही सूबे की सभी जेलों में मोबाइल जैमर लगाया जाएगा, कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। कुछ दिन पहले बनारस जेल में हुई घटना पर सफाई देते हुए कहा कि कैदी खाना के पीछे नहीं भड़के थे, जांच में साफ हो जाएगा।

राज्यमंत्री ने तोड़ा प्रोटोकॉल

प्रेस संबोधन के दौरान एक राज्यमंत्री राजपाल सिंह ने कबीना मंत्री को कुर्सी से उठाते हुए कहा कि 'प्रेस कांफ्रेंस नहीं करनी थी, कार्यक्रम का समय हो रहा है। कबीना मंत्री प्रेस से बातचीत कर रहे थे तो राज्यमंत्री उनको कुर्सी से खींच रहे थे। मंत्री के पास बैठने को लेकर भी आपाधापी हुई।