हंगामा, हंगामा और सिर्फ हंगामा

बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। कुछ देर सब ठीक चला। इसके बाद अचानक हंगामा शुरू हो गया। पार्षद दीवान जी शरीफ ने कहा कि सदन की बैठक में जनहित के कार्यों पर विचार विमर्श किया जाता है। कर्मचारियों को उनकी मांगों के लिए सदन के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाए। दीवान जी शरीफ का इतना कहना था कि नगर निगम कर्मचारी कैलाश चंदौला सदन के अंदर घुस आए और नारे बाजी करने लगे। चंदौला का कहना था कि सदन में कर्मचारियों को मांगों से संबधित ज्ञापन देने से कोई नहीं रोक सकता। इसी बीच झाड़ू लेकर और सफाई कर्मचारी घुस आए। नगर आयुक्त अब्दुल समद और सिटी मजिस्ट्रेट ने किसी तरह उन्हें समझाबुझा कर शांत किया और सदन के बाहर किया।

भागने पर हुए मजबूर

हंगामे के दौरान नगर आयुक्त सदन से बाहर चले गए। इसे आक्रोशित नगर निगम कर्मचारियों का पारा और बढ़ गया। कर्मचारी संघ के नेता अनीस, लोकेश शर्मा, राजू धवन अन्य कर्मचारियों के साथ सदन में घुस आए और पार्षदों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कर्मचारियों ने माइक तोड़ दिया और अन्य कर्मचारियों के साथ मेयर और नगर आयुक्त की मेज पलट दी। कुर्सियां तोड़ दी गईं। पीने के लिए दी गई बोतलें उठा उठा कर पार्षदों पर फेंकी गई। कई पार्षदों से भी हाथापाई की गई। किसी तरह पार्षद बाहर भागे।

फिर शुरु हुई बैठक

हंगामे के बाद बाहर खड़े नगर आयुक्त और मेयर के कहने पर नगर आयुक्त फिर से कक्ष में पहुंचे और बैठक शुरु हुई। सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ मनीषा भी मंच पर बैठ गए और पुलिस को किसी भी कर्मचारी को अंदर नहीं आने का आदेश दिया। तीन अक्टूबर13 के बैठक की पुष्टि पर चर्चा अधूरा छोड़ नगर आयुक्त ने पुनरीक्षित आय व्यय बजट 2013-14 पास करने की घोषणा की। 43004.78 लाख का बजट को मौजूद पार्षदों ने मेजें थपथपा कर पास कर दिया। नगर आयुक्त ने भी पार्षदों के तीस लाख रुपये के कार्य पूरा कराने का आश्वासन दिया।

मेयर का घेराव

बजट पास होने के बाद मेयर हरिकांत अहलुवालिया ने बैठक समाप्त करने की घोषणा की। राष्ट्रगान चल ही रहा था कि कर्मचारी फिर से  अंदर घुस आए। इसके पूर्व नगर निगम कर्मचारियों ने घंटाघर पर जाम भी लगाया। कर्मचारियों ने मेयर और नगर आयुक्त को घेर लिया और 11 सूत्रीय मांग पत्र पढ़ते हुए उन्हें पूरा करने की  मांग की। नगर निगम सफाई कर्मचारी नेता राजू धवन ने कहा कि अगर सफाई कर्मियों की मांगे नहीं मानी गईं तो सफाई व्यवस्था ठप्प कर दी जाएगी। इसके बाद मेयर ने किसी प्रकार मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर कर्मियों को शांत किया।

दिया आश्वासन

मेयर हरिकांत अहलुवालिया ने बताया कि संविदा सफाई कर्मियों को ढ़ाई सौ रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान और विकलांगों को वेतन रिलीज किया जाएगा।