- लोकसभा चुनाव के बाद नहीं जीता पाए कोई भी चुनाव

- एमएलसी चुनाव में लगे गंभीर आरोप

- ओम माथुर और सुनील बंसल से मनमुटाव भी रहा बड़ा कारण

<- लोकसभा चुनाव के बाद नहीं जीता पाए कोई भी चुनाव

- एमएलसी चुनाव में लगे गंभीर आरोप

- ओम माथुर और सुनील बंसल से मनमुटाव भी रहा बड़ा कारण

MeerutMeerut: तमाम अटकलों के बाद आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को हटाकर नए अध्यक्ष की ताजपोशी कर दी गई। बताया जा रहा है कि पिछले एक माह से वाजपेयी हाईकमान को साधने में लगे थे, लेकिन प्रदेश प्रभारी ओम माथुर व महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मनमुटाव के चलते सफल नहीं हो सके, जिसके चलते शुक्रवार को उन्हें हटाकर इलाहाबाद की फूलपुर सीट से सांसद केशव प्रसाद मौर्य को नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।

प्रदेश के नेता नहीं थे संतुष्ट

पार्टी हाईकमान का मानना है कि वाजपेयी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अपने दम पर एक भी चुनाव नहीं जीता पाए। लोकसभा चुनाव में 7ख् सीट आने का कारण मोदी लहर थी। उसके बाद उपचुनाव, पंचायत चुनाव, प्रधानी चुनाव, एमएलसी चुनाव सहित आधा दर्जन चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी चारों खाने चित हुई है।

लगे आरोप

पंचायत चुनाव व एमएलसी चुनाव में उनके करीबी नेताओं पर पैसे के लेन-देन के भी गंभीर आरोप लगे थे। इसके अलावा पिछले दो वर्षो में एक भी चुनाव में पार्टी की परफॉर्मेस को लेकर भी हाईकमान लक्ष्मीकांत वाजपेयी से खासा नाराज था, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।

नेताओं से मनमुटाव

प्रदेश में प्रदेश प्रभारी व महामंत्री संगठन का पद अहम माना जाता है। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की दोनों से ही खासी नाराजगी रहती थी। कई कार्यक्रमों में मंच पर भी एक दूसरे पर तंज कसते हुए नेताओं को देखा गया था। जिसके चलते वाजपेयी दिल्ली अमित शाह को साधने में पिछले एक माह से लगे थे। लेकिन प्रादेशिक नेताओं से नाराजगी होने के चलते सफल नहीं हो सके।

खराब व्यवहार के चलते

पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी व्यवहारिक नहीं थे, जिसके चलते आए दिन कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय कार्यालय को फैक्स व मेल पहुंचती रहती थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कई बाद कार्यकर्ताओं ने मिलकर नाराजगी जाहिर की थी।

राष्ट्रीय टीम में जाने की अटकल

प्रदेश अध्यक्ष के निकटवर्ती लोगों का यह भी कहना है कि उन्हे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या महामंत्री बनाया जाना तय हुआ है। इस आश्वासन के बाद ही उन्होंने पद छोड़ा है। हालांकि हाईकमान की और से ऐसी कोई अधिकारिक सूचना नहीं है।