सीसीएसयू में सरेआम वीसी के निर्देशों की अनदेखी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा, वीसी ने कहा कि कराएंगे जांच

Meerut। सीसीएसयू के परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग में स्टूडेंट्स, कर्मचारी या कोई अन्य व्यक्ति आसानी से एंट्री कर सकता है, जबकि विभागों में किसी की भी एंट्री पर वीसी ने बैन लगा रखा है। मगर दोनों विभाग के कर्मचारी वीसी के आदेशों के विपरीत हर किसी को विभाग में एंट्री दे रहे हैं। इतना ही नहीं, सुरक्षा के लिहाज से गोपनीय विभाग के बाहर तो कुछ कर्मचारी तैनात हैं, मगर वो भी सिर्फ दिखावे के लिए कुर्सी डाले विभाग के बाहर ड्यूटी दे रहे हैं। इसका खुलासा सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्िटग ऑपरेशन में हुआ।

ये है मामला

दरअसल, सीसीएसयू के परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग के बाहर अक्सर स्टूडेंट्स व अन्य कर्मचारियों का जमावड़ा लगा रहता है। इतना ही नहीं, इन विभागों से डॉक्यूमेंट के लेन-देन की शिकायतें भी वीसी कार्यालय तक पहुंचती रहीं। मगर कभी कोई बड़ी कार्रवाई सीसीएयू प्रशासन की ओर से इस बाबत नहीं की गई। मगर हाल ही में यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस घोटाले के मामले में कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई होने के बाद वीसी ने भी विभागीय कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों के परीक्षा और गोपनीय विभाग में एंट्री पर पूरी तरह बैन लगा रखा है।

लोगों का जमावड़ा

मगर सोमवार को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सीसीएसयू के परीक्षा और गोपनीय विभाग के बाहर पहुंची तो वहां स्टूडेंट्स व अन्य लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। जो आसानी से विभाग के अंदर-बाहर आ-जा रहे थे। गोपनीय विभाग के बाहर कुर्सी पर बैठे कर्मचारी आराम फरमाने में इतना मस्त थे कि वह किसी को अंदर जाने से रोक भी नहीं रहे थे। इतना ही नहीं परीक्षा विभाग में एंट्री के लिए लगे चैनल के बाहर खड़े कुछ लोग तो चैनल के अंदर यानी विभाग में मौजूद लोगों से कुछ बात करके निकल जा रहे थे। जबकि कुछ लोगों के आने पर विभाग का चैनल खोलकर उनसे बात की जा रही था। जबकि विभाग के अंदर किसी की भी एंट्री पर बैन लगा है।

बैन के बावजूद स्टूडेंट्स कर रहे एंट्री

कोरोना काल को देखते हुए वीसी के आदेश पर कैंपस में स्टूडेंट्स की एंट्री पर पूरी तरह बैन लगा है। साथ ही ये आदेश जारी किया गया है कि अगर किसी स्टूडेंट को कोई परेशानी है तो वह सहायता केंद्र पर या फिर ऑनलाइन मेल के माध्यम से ही अपनी बात कह सकता है या आवेदन कर सकता है। मगर सोमवार को दैनिक जागण आई नेक्स्ट के कैमरे में कंधे पर बस्ते लटकाए स्टूडेंट्स गोपनीय विभाग के बाहर कैप्चर हुए। अब सवाल ये उठता है कि आखिर स्टूडेंट्स एंट्री बैन होने के बावजूद कैंपस में दाखिल कैसे हुए। इतना ही नहीं, ये स्टूडेंट्स गोपनीय विभाग तक आखिर कैसे पहुंच गए, जबकि यहां तो कैंपस के कर्मचारियों की एंट्री पर भी बैन है।

काम के बदले दाम

यही नहीं दोनों ही विभागों में कुछ भी काम करवाना हो तो बस उसका सही दाम देना होता है। कुछ लोग विभाग के अंदर जाकर अपना काम करना रहे थे तो कुछ लोग जाल के बाहर से बात पक्की कर रहे थे। मगर इस सबकों रोकने वाला यहां कोई नहीं था। इसके बाद हमने भी एक कर्मचारी से इन विभागों से कुछ डॉक्यूमेंट्स निकलवाने की बात की। जवाब में कर्मचारी ने कहा कि अभी सख्ती चल रही है, दो-तीन दिन बाद आना काम हो जाएगा। यहां कर्मचारी ने एक हजार काम का दाम भी बताया।

सभी कर्मचारियों को बोला गया है परीक्षा और गोपनीय विभाग में किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी। अगर कोई लापरवाही कर रहा है तो जांच कराई जाएगी और संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएसयू

ऐसे होती है सेटिंग

रिपोर्टर सुबह 12 बजे यूनिवíसटी पहुंची। वहां गोपनीय विभाग के बाहर कर्मचारी से बात की।

रिपोर्टर : भइया मुझे अपनी डुप्लीकेट मार्कशीट चाहिए, खो गई है

कर्मचारी : वो तो आपको छात्र सहायता केंद्र से फार्म भरकर मिलेगी, एक महीने बाद।

रिपोर्टर : भैया ऐसा है, मुझे जल्दी चाहिए कुछ और रास्ता हो।

कर्मचारी : हां एक काम करो। आपका एक हजार रुपया खर्च होगा, दे सकते हो तो मैं बात करता हूं।

रिपोर्टर : तो फिर अगर पैसे दिए तो पक्का मिल जाएगी

कर्मचारी : हां मिल जाएगी, दो दिन बाद आप मुझे मिलना।

रिपोर्टर : अभी बात करवा दो भैया।

कर्मचारी : नहीं, अभी सख्ती चल रही है। दो दिन बाद थोड़ा माहौल ठीक हो जाएगा।

रिपोर्टर : कब आना होगा?

कर्मचारी : दो दिन बाद आप दोपहर को आना। मुझे एक पेपर पर डिटेल्स और अपना आधार कार्ड देना। मैं करवा दूंगा।

रिपोर्टर : ठीक है भाई। मैं दो दिन बाद दो बजे आती हूं,

कर्मचारी : ठीक है आप आ जाना। हाथ के हाथ पैसा भी दे देना। मैं करवा दूंगा।