आगे नहीं आ सके अतुल, पिंटू पर भरोसा कायम

चाचा की ही चली

कैप्शन : पीडीएफ

- अक्टूबर की शुरुआत में दिग्गजों का टिकट कटने से चरम पर पहुंची गुटबाजी

- अब उम्मीदवारों की सूची पर सपा सुप्रीमो की मुहर लगने के बाद सियासी पारा चढ़ा

Meerut : समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यूपी के राजनीतिक महाभारत में बुधवार को अपने 325 सेनापति जनता के सामने पेश कर दिए। वेस्ट यूपी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के उम्मीदवारों की जंग साफ नजर आई। मेरठ में अखिलेश के पसंदीदा उम्मीदवारों के जो टिकट काटे जा चुके हैं, वे वापस मिलने के कयास गलत साबित हुए, वहीं आसपास के जिलों में भी शिवपाल की चली।

अतुल को झटका

मेरठ में सबसे ज्यादा घमासान वाली सरधना सीट पर पिंटू राणा को ही प्रत्याशी रखा गया है। इस सीट पर अखिलेश की पसंद माने जाने वाले अतुल प्रधान का टिकट छीनकर अक्टूबर में पिंटू को उम्मीदवार बनाया गया था, जिस पर मुलायम ने बुधवार को मुहर लगा दी। मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा को शिवपाल का करीबी माना जाता है। सपा सुप्रीमो की मुहर के बाद यहां सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं।

काम नहीं आई धमकी

अतुल ने बीती 24 दिसंबर को सरधना में जनसभा के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया था। इस दौरान शिवपाल का नाम लिए बिना कहा था कि लखनऊ के चचा किसी भी पिंटू-सिंटू को चुनाव लड़ा लें, वेस्ट यूपी की जनता अतुल प्रधान को प्यार करती है। उन्होंने सपा के उम्मीदवार को चुनौती दी थी। साथ ही, उन्हें टिकट नहीं मिलने पर मंच से ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी तक दे डाली थी, जिसका कोई असर पार्टी आलाकमान पर पड़ता हुआ नजर नहीं आया। यहां तक कि अतुल और पिंटू के बीच खुलेआम चुनौतियों के पुराने किस्सों से भी आलाकमान बेअसर रहा। दोनों के बीच हाल ही में होर्डिग वार भी खासी चर्चा में रही थी, जिसकी शिकायत पार्टी मुख्यालय में की गई थी।

मुलायम से करेंगे बात

सूत्र बताते हैं कि अखिलेश ने अपने जिन पसंदीदा चेहरों की लिस्ट पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को दी थी, उसमें अतुल का भी नाम था। अखिलेश ने बुधवार को झांसी रैली में भी कहा कि जिनके टिकट काटे जा चुके हैं, उन पर नेताजी से दोबारा बात की जाएगी। उधर, 21 दिसंबर को मेरठ आए मुलायम सिंह से रफीक अंसारी और परविंदर ईशू की मुलाकात को टिकट से जोड़ा जा रहा था, लेकिन यह कयास गलत साबित हुआ।

बाकी भी कायम

मेरठ की ही कैंट, शहर व दक्षिण से भी पूर्व में बदले गए प्रत्याशियों को बरकरार रखा गया है। अक्टूबर में ही कैंट से नए चेहरे परविंदर ईशू को बदलकर एमएलसी सरोजनी अग्रवाल की भतीजी आरती अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया था। मेरठ शहर सीट से रामगोपाल यादव के चहेते माने जाने वाले रफीक अंसारी का पत्ता काटकर अय्यूब अंसारी को टिकट दे दिया गया था। मेरठ दक्षिण में आदिल चौधरी के नाम पर ही मुहर लगाई गई है।

पुरानों पर भरोसा

मेरठ से हस्तिनापुर सीट पर मौजूदा विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि, सिवालखास से विधायक गुलाम मुहम्मद और किठौर सीट से विधायक शाहिद मंजूर को ही टिकट मिला है।

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टिकट कटने पर हंगामा

वेस्ट यूपी की बात करें, तो बुलंदशहर में सपा के सदर प्रत्याशी मुस्तकीम अल्वी का टिकट काटने के विरोध में समर्थक सड़कों पर उतर आए। उन्होंने टिकट वापस करने की मांग को लेकर कालेआम चौराहा पर जाम लगाया और सपा कार्यालय पर हंगामा किया। सहारनपुर की 6 सीटों पर वही प्रत्याशी घोषित किए गए, जिनकी घोषणा पूर्व में हो चुकी थी। वे शिवपाल यादव के करीबी माने जाते रहे हैं। यहां रामपुर सीट पर प्रत्याशी तीसरी बार बदला गया है। वहीं, छपरौली से हाजी तराबुद्दीन को बदलकर सीएम के सुझाव पर मनोज चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। बागपत से कुलदीप उज्जवल टिकट बचाने में कामयाब रहे हैं।