- विनीत के चचेरे भाई ने एसएसपी से की मुलाकात

<- विनीत के चचेरे भाई ने एसएसपी से की मुलाकात

MeerutMeerut : टीपीनगर की रघुकुल विहार कालोनी में अरोड़ा परिवार के पांच लोगों की सामूहिक आत्महत्या के क्क् दिन बाद परिवार के लोगों ने तहरीर देकर हत्या का अंदेशा जताया है और पूरे मामले की गहनता से जांच का अनुरोध किया है। वहीं, अब तक की जांच और घटनास्थल पर मिले सुबूतों के आधार पर एसएसपी ने इस मामले को सुसाइड बताया है।

क्या है मामला

पिछली 7 अक्टूबर की सुबह टीपीनगर की रघुकुल विहार कालोनी के मकान नंबर ख्8 में 7ख् वर्षीय कारोबारी श्रीमोहन अरोड़ा उनकी पत्‍‌नी कृष्णा अरोड़ा, बेटे विनीत अरोड़ा, बहू पूजा अरोड़ा और पोते अभिषेक अरोड़ा के शव मिले थे। घर से तीन जगहों पर मिले सुसाइड नोट में कारोबारी विनीत अरोड़ा ने एक करोड़ 78 लाख रुपये का कर्ज होने के चलते आत्महत्या की बात लिखी थी।

एसएसपी से मिले

सोमवार दोपहर को विनीत अरोड़ा के चाचा के बेटे शास्त्रीनगर निवासी इनकम टैक्स अफसर विपिन अरोड़ा एसएसपी से मिले। विपिन अरोड़ा ने एसएसपी से कहा कि उन्हें अंदेशा है कि कहीं ये घटना हत्या न हो इसलिए प्रकरण की पूरी जांच की जाए। एसएसपी जे। रविंदर गौड ने आश्वासन दिया कि पुलिस सारी जांच करा रही है।

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सामान लेने आए लोगों को लौटाया

मोहल्ले वालों ने बताया कि रविवार को कुछ लोग टेंपो आदि लेकर घर में रखे फिल्टर आदि लेने आए थे। लोगों ने उनको ये कहकर लौटा दिया कि यह पुलिस केस है। ऐसे में पुलिस को साथ लेकर आएं। अभी तक भी घर में सफाई नहीं हुई है।

पुलिस मान रही शुरुआत से आत्महत्या

तफ्तीश, घटनास्थल और तमाम लोगों के बयान लेने के बाद पुलिस ने शुरूआत से साफ कर दिया कि ये घटना सामूहिक आत्महत्या है। क्क् दिन बाद विनीत अरोड़ा के चचेरे भाई ने हत्या का अंदेशा जताते हुए तहरीर दी तो इसको लेकर सवाल लाजिमी हैं। पूरे घटनाक्रम पर एसएसपी जे रविंदर गौड़ से सवाल किए गए तो उन्होंने घटना को आत्महत्या कैसे माना इसको लेकर सिलसिलेवार जवाब दिए

पहले दिन से ही घटना को आत्महत्या क्यों माना गया ?

सबसे पहले सीन देखिए। रघुकुल विहार कालोनी के मकान नंबर ख्8 में सात अक्टूबर की सुबह कारोबारी विनीत अरोड़ा के यहां काम करने वाले कर्मचारी ने आसपास पड़ोस के लोगों को गेट नहीं खोलने और मोबाइल नहीं उठाने की बात कही तो मोहल्ले के लोगों ने मकान की छत पर चढ़कर भीतर झांका। लोहे के जाल पर नीचे चार लाश लटकती दिखीं। पूरा घर भीतर से बंद था।

गेट बंद था ये किसने देखा ?

मोहल्ले के लोगों ने पुलिस को फोन कर बुलाया तो सारे गेट बंद थे। लोगों की मदद से ही गेट तोड़कर पुलिस भीतर घुसी। जब सारा घर भीतर से ही बंद था तो कोई बाहरी व्यक्ति कैसे इस घटना को अंजाम दे सकता है। सुसाइड नोट है।

हो सकता है कि किसी ने सुसाइड नोट जबरन लिखवाया हो ?

जो सुसाइड नोट बरामद हुआ वो साढ़े चार पेज का है। उसमें विनीत अरोड़ा ने खुद के क्ख्वीं क्लास से लेकर अब तक की घटनाओं के बारे में लिखा है। सुसाइड नोट के तीन पि्रंट हैं। तीनों पर हस्ताक्षर हैं। इस तरह का सुसाइड नोट जबरन नहीं लिखवाया जा सकता।

तो कर्जे के चलते आत्महत्या की ये बात सही है ?

परिवार मुफलिसी में जी रहा था। इसके प्रमाण खुद विनीत अरोड़ा ने खुद की बनाई बैलेंस सीट में दिए। कर्मचारियों ने भी तस्दीक की कि घाटा हो रहा था। विनीत अरोड़ा के बेटे अभिषेक ने कोचिंग इंस्टीट्यूट में फीस देरी से देने की बात कही थी। बैंक का 90 लाख रुपया लोन सामने आ चुका है। बाकी पड़ताल हो रही है।

परिवार के लोगों ने तो तहरीर देर से दी, लेकिन अब तक पुलिस ने क्या-क्या किया ?

सुसाइड नोट और बैंक से विनीत अरोड़ा के हस्ताक्षरों का मिलान कराया गया है। कॉल डिटेल निकलवाई गई। किससे बातें हुई सब स्पष्ट है। मौके पर मिले साक्ष्यों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आत्महत्या की ओर साफ इशारा कर रही है। बैंक से डिटेल ली है। और भी दूसरे साक्ष्य हैं। तमाम सुबूतों के आधार पर ही घटना को आत्महत्या माना गया है।